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Chhattisgarh में महीनेभर में शुरू हो जाएगी टाटा स्‍टील की जमीन की वापसी

बघेल कैबिनेट की बैठक में लगी मुहर, मुख्य सचिव को सौंपी गई जिम्मेदारी।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Tue, 25 Dec 2018 09:17 PM (IST)Updated: Tue, 25 Dec 2018 09:17 PM (IST)
Chhattisgarh में महीनेभर में शुरू हो जाएगी टाटा स्‍टील की जमीन की वापसी

रायपुर।बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा में टाटा के स्टील प्लांट के लिए अधिग्रहित जमीन की महीनेभर में किसानों को वापसी शुरू हो जाएगी। राज्य कैबिनेट ने मुख्य सचिव को महीने के भीतर नीतिगत निर्णय लेकर जमीन वापस करने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।

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मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री रविंद्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने बताया कि स्टील प्लांट के लिए लोहंडीगुड़ा और तोकापाल तहसील में 10 गांव के किसानों से अधिग्रहित जमीन उन्हें वापस लौटाने का निर्णय लिया गया।

राज्य कैबिनेट का मंगलवार को ही विस्तार हुआ है। नए मंत्री पहली बार कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए। चौबे और ने पत्रकारों को बैठक में लिए निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि जमीन अधिग्रहण अधिनियम 2013 की धारा 101 के तहत जमीन अधिग्रहण के पांच साल के बाद भी उद्योग स्थापित नहीं कर पाने की स्थिति में जमीन वापस लेने का निर्णय लिया गया है।

2043 हेक्टेयर जमीन, 42.7 करोड़ मुआवजा

उद्योग के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट इंड्रस्ट्रीयल कारपोरेशन लि.(सीएसआइडीसी) ने 2043 हेक्टेयर जमीन ली गई थी, जिसमें शासकीय छोटे-बड़े झाड़ के जंगल के अलावा 10 गांव के 1707 किसानों की 1784.61 हेक्टेयर जमीन शामिल थी। जमीन अधिग्रहण के बाद कुछ किसानों को मुआवजा के तौर पर 42.7 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है।

2005 में टाटा स्टील के साथ हुआ था एमओयू

पत्रकार वार्ता में दोनों मंत्रियों ने बताया कि बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा तहसील में 5.5 मिलियन पर एनम क्षमता वाले स्टील प्लांट के लिए 4 जून 2005 को राज्य सरकार और टाटा स्टील के बीच एमओयू हुआ था। टाटा ने 3 फरवरी 2016 को प्लांट लगाने में अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी थी। जिसके बाद अब राज्य सरकार ने अधिग्रहित जमीन किसानों को वापस लेने का निर्णय लिया गया है।

गांव जहां के किसानों की जमीन ली गई थी

टाटा के स्टील प्लांट के लिए जिन गांवों में भूमि अधिग्रहण किया गया था, उनमें लोहंडीगुड़ा तहसील के अंतर्गत ग्राम छिंदगांव, ग्राम कुम्हली, छिंदगांव, बेलियापाल, बडांजी, दाबपाल, बड़ेपरोदा, बेलर और सिरिसगुड़ा में तथा तहसील तोकापाल के अंतर्गत ग्राम टाकरागुड़ा शामिल हैं। इस पर संबंधित कंपनी ने अब कोई उद्योग स्थापित नहीं किया है।  


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