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वोटरों की अंगुली पर लगने वाली अमिट स्याही पर छिड़ी राजनीतिक जंग

बस्तर के अति नक्सल प्रभावित इलाकों में अमिट स्याही न लगाने का प्रस्ताव प्रशासन ने दिया था। मामला सुकमा जिले के 38 अति नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों से संबंधित था।

By Arti YadavEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 01:15 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 01:15 PM (IST)
वोटरों की अंगुली पर लगने वाली अमिट स्याही पर छिड़ी राजनीतिक जंग

रायपुर, जेएनएन। मतदाताओं की अंगुली पर लगने वाली अमिट स्याही (इनडेलियेबल इंक) को लेकर राजनीतिक जंग शुरू हो गई है। दरअसल बस्तर के अति नक्सल प्रभावित इलाकों में अमिट स्याही न लगाने का प्रस्ताव प्रशासन ने दिया था। मामला सुकमा जिले के 38 अति नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों से संबंधित था। यहां नक्सली वोटरों को धमकी दे रहे हैं। चुनाव बहिष्कार करने, प्रचार में आने वाले नेताओं को जन अदालतों में लाकर सजा सुनाने की बात नक्सली कर रहे हैं। जंगल में जगह-जगह चुनाव के खिलाफ पर्चे और पोस्टर टांगे गए हैं। इससे पहले नक्सलियों की ओर से यह भी धमकी दी जाती रही है कि अगर किसी ने वोट डाला तो उसकी अंगुली काट देंगे। इसे देखते हुए अमिट स्याही न लगाने और वोटरों की पहचान के दूसरे विकल्प आजमाने पर चर्चा शुरू हुई थी।

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सुकमा जिला प्रशासन के 38 मतदान केंद्रों पर वोटरों को अमिट स्याही से छूट देने के प्रस्ताव पर चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों की सहमति मांगी थी। भाजपा और सीपीआइ इससे सहमत हैं जबकि कांग्रेस ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। इसके चलते यह मामला फिलहाल अटक गया है। कांग्रेस का कहना है कि अमिट स्याही न लगाने से फर्जी वोटिंग की संभावना बढ़ेगी। हालांकि अन्य दलों का कहना है कि जब अमिट स्याही लगाने से वोटरों के जानमाल को नुकसान हो सकता है तो इसे न लगाना ही उचित होगा।

कांग्रेस यह भी कह रही है कि नक्सलियों ने अमिट स्याही देखकर वोटरों की अंगुली काटने का फरमान भले ही कई बार से चुनावों में दिया है। आजतक किसी की अंगुली काटी तो नहीं है। फिलहाल सुकमा जिला प्रशासन ने राजनीतिक दलों के लिखित प्रस्तावों को चुनाव आयोग को भेज दिया है। अंतिम निर्णय आयोग ही लेगा।

क्या है अमिट स्याही
अमिट स्याही सिल्वर नाइट्रेट में घुली डाई होती है। सिल्वर नाइट्रेट रंगहीन विलियन होता है। अंगुली पर लगने वाला रंग डाई का होता है। लगने के बार सिल्वर नाइट्रेट त्वचा से निकलने वाले पसीने में मौजूद सोडियम क्लोराइड (नमक) से क्रिया करके सिल्वर क्लोराइड बनाता है। धूप के संपर्क में आने पर यह सिल्वर क्लोराइड टूटकर धात्विक सिल्वर में बदल जाता है। धात्विक सिल्वर पानी या वार्निश में घुलनशील नहीं होता इसलिए इसे अंगुली से आसानी से साफ नहीं किया जा सकता।


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