बस्तर में घटे प्रत्याशी, राजनांदगांव का क्रेज कायम
माना जा सकता है कि सामान्य सीट होने के कारण हर वर्ग के प्रत्याशी यहां से किस्मत आजमाना चाहते हैं।
रायपुर। 2008 से 2018 तक के विधानसभा चुनावों में बस्तर संभाग और राजनांदगांव जिले की 18 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने का क्रेज अलग- अलग दिखता है। हर चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या घटती या बढ़ती रही है। इसके बाद भी सीएम की सीट होने के कारण राजनांदगांव में नामांकन भरने का क्रेज बढ़ा है।
यहां से सर्वाधिक 45 उम्मीदवारों ने नामांकनपत्र दाखिल कर दिए हैं। इसी तरह जगदलपुर सीट के लिए भी पर्चे भरने की दिलचस्पी दिखाई दे रही है, हालांकि इस बार यहां भी संख्या घट गई है। पर्चों की जांच शुरु हो चुकी है और फिर 25 व 26 अक्टूबर को नाम वापसी के लिए समय मिलेगा। इसके बाद ही चुनाव मैदान के प्रत्याशियों की सही संख्या सामने आ पाएगी।
कोंटा में केवल छह प्रत्याशी
बस्तर संभाग की चर्चा करें, तो तकरीबन सभी सीटों पर इस चुनाव में नामांकन भरने वालों की संख्या में गिरावट आयी है। सर्वाधिक नक्सल प्रभावित रही कोंटा सीट से कोई सामान्य नेता पर्चा नहीं भरना चाहता। यही कारण है कि साल 2008 के विधानसभा चुनाव में केवल चार उम्मीदवार चुनाव मैदान में आए थे, तो इस चुनाव को मिला कर बीते दो चुनावों में छह-छह ही प्रत्याशी सामने आए हैं।
बीजापुर और दंतेवाड़ा भी नक्सलगढ़ में शामिल हैं, यहां भी नामांकन की संख्या दस या इससे नीचे ही रही है। जबकि चित्रकोट में 2013 के चुनाव में 22 प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाया था और इस बार वहां से सिर्फ दस पर्चे भरे गए हैं।
बस्तर संभाग की एकमात्र सामान्य सीट जगदलपुर से भी चुनाव लड़ने वालों की संख्या अधिक है। वहां से इस दफे 26 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा है। बीते चुनाव में यहां से 38 दावेदार थे और 2008 में 24 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था। माना जा सकता है कि सामान्य सीट होने के कारण हर वर्ग के प्रत्याशी यहां से किस्मत आजमाना चाहते हैं।
अंतागढ़ सीट में बढ़ी संख्या
बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव और केशकाल सीटों पर छह से 11 उम्मीदवार ही सामने आते रहे हैं। कांकेर सीट के लिए उम्मीदवारों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। यहां 2008 में 17 प्रत्याशी सामने आए थे, फिर 2013 में 10 हुए और इस बार केवल नौ प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ना चाहा है।
इसके विपरीत केवल अंतागढ़ सीट ही बस्तर में ऐसी है, जहां से प्रत्याशियों की संख्या चुनाव-दर- चुनाव बढ़ती जा रही है। 2008 में यहां से केवल छह उम्मीदवार मैदान में थे। इसके बाद अगले चुनाव में आठ और इस बार 15 प्रत्याशी मैदान में सामने आ गए हैं।
मोहला मानपुर में नहीं बदली स्थिति
राजनांदगांव जिले की मोहला मानपुर विधानसभा सीट को छोड़ दें तो बाकी सीटों पर उम्मीदवार बढ़े हैं। यहां बीते तीन चुनावों में 10 से 12 प्रत्याशी ही नामांकन भरते रहे हैं। जबकि खुज्जी, डोंगरगांव, डोंगरगढ़ और खैरागढ़ में उम्मीदवार हर चुनाव में बढ़ते चले गए। राजनांदगांव सीट से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के चुनाव लड़ने के कारण दूसरे प्रत्याशियों में भी नामांकन भरने का क्रेज बढ़ा है। यहां 2008 में 21 प्रत्याशी थे और इस चुनाव में यह संख्या बढ़ कर 45 पहुंच गई है।