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कवासी को मिला वन मंत्रालय तो पेपरलेस हो जाएगा विभाग, ये है कारण

kawasi lakhma minister भूपेश सरकार में एक रिक्त पद को छोड़कर दें तो सीएम सहित 12 लोग शपथ ले चुके हैं। ऐसे में अब सिर्फ विभाग का बंटवारा होना है।

By Sandeep ChoureyEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 01:10 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 01:10 PM (IST)
कवासी को मिला वन मंत्रालय तो पेपरलेस हो जाएगा विभाग, ये है कारण
कवासी को मिला वन मंत्रालय तो पेपरलेस हो जाएगा विभाग, ये है कारण

रायपुर। भूपेश सरकार में वरिष्ठ विधायक कवासी लखमा को मंत्री बनाया गया है। संभावना है कि उन्हें वन विभाग की जिम्मेदारी दी जाएगी। ऐसे में बुधवार को दिन भर वन विभाग के मुख्यालय अरण्य भवन में यह चर्चा रही कि क्या अब वन विभाग पेपर लेस व्यवस्था में संचालित होगा।

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कारण यह कि दादी के नाम में मशहूर कवासी लखमा साक्षर है और उनके बारे में कहावत है कि उनका सब काम मौखिक ही होता है। भूपेश सरकार में एक रिक्त पद को छोड़कर दें तो सीएम सहित 12 लोग शपथ ले चुके हैं। ऐसे में अब सिर्फ विभाग का बंटवारा होना है।

प्रबल संभावना है कि वन विभाग कवासी लखमा को आवंटित होगा। वन विभाग के अधिकारी इसे मानकर अपनी तैयारी प्रारंभ भी कर चुके हैं। वन विभाग में पूरे दिन इस बात की चर्चा होती ही कि यदि मंत्री दादी होते हैं तो विभाग स्वत: ही पेपर लेस हो जाएगा।

कारण कि दादी राज्य के पेपरलेस नेता माने जाते हैं। कवासी लखमा साक्षर जरुर हैं पर उनकी भाषण शैली व जानकारी बिल्कुल अपडेट है। अपने विशेष अंदाज के लिए प्रसिद्ध दादी को लेकर कुछ अधिकारी उत्साहित दिखे तो कुछ को चेहरे पर झुर्रियां भी दिखी।

वरिष्ठ अधिकारियों के एक धड़े का मानना था कि दादी को अपने हिसाब से समझाना आसान होगा तो दूसरे धड़े का मानना था कि दादी के मंत्री होने से कई लोग अघोषित मंत्री हो जाएंगे। वन विभाग मुख्यमंत्री किसे सौंपेंगे यह तो अभी तय होना शेष है पर कवासी लखमा को लेकर वन विभाग काफी गंभीर है।

आदिवासी समाज के हाथों में फिर से हो सकती जंगल की बागडोर

यदि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वन विभाग कवासी लखमा को आवंटित करते हैं तो लगातार जंगल की बागडोर आदिवासी समाज के हाथ में ही रहेगी। इससे पूर्व रमन सरकार में भी आदिवासी नेता महेश गागड़ा के पास ही वन विभाग की जिम्मेदारी थी। इसके पीछे तर्क है कि जंगल और वहां की परिस्थिति को आदिवासी नेता ही बेहतर समझ सकते है।


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