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छत्तीसगढ़ में 'भगवागढ़' बचाने को बजेगा 'विकास का डंका'

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का रथ पांच सितंबर को डोंगरगढ़ से रवाना होगा। रथ पहले दिन अपने परंपरागत सीटों पर विकास का डंका बजाते दौड़ेगा।

By Arti YadavEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 11:51 AM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 11:51 AM (IST)
छत्तीसगढ़ में 'भगवागढ़' बचाने को बजेगा 'विकास का डंका'
छत्तीसगढ़ में 'भगवागढ़' बचाने को बजेगा 'विकास का डंका'

रायपुर (नईदुनिया)। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर अब तक आए तीन से अधिक सर्वे में भाजपा सत्ता से बाहर होती दिख रही है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के अंदरूनी और सरकारी सर्वे में स्थिति कमजोर बताई जा रही है। ऐसे में राज्य में गद्दी बचाने और चौथी पारी के लिए भाजपा अटल विकास रथ पर सवार हो रही है।

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मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का रथ पांच सितंबर को डोंगरगढ़ से रवाना होगा। गढ़ बचाने की चुनौती है इसलिए, रथ पहले दिन अपने परंपरागत सीटों पर विकास का डंका बजाते दौड़ेगा। इस यात्रा के दौरान चुनावी वैतरणी पार करने के लिए राज्य निर्माता और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम का भी पूरा उपयोग भाजपा करेगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, विकास रथ व सभी मंचों पर अटलजी की तस्वीर लगाई जाएगी। सभा से पहले बड़े प्रोजेक्टर पर अटलजी पर आधारित एक शार्ट फिल्म भी दिखाई जाएगी।

पहले दिन जिन सीटों पर दौड़ेगा रथ, वहां की स्थिति

डोंगरगढ़: इस सीट से भाजपा अब तक के तीनों चुनाव जीती है, लेकिन हर पार्टी नए चेहरे पर दांव लगाती है। इसके बावजूद जीत का अंतर लगातार घट रहा है। पिछला चुनाव करीब 46सौ वोट के अंतर से पार्टी जीती है।

तिफरा: यह बिल्हा विधानसभा क्षेत्र में है और तखतपुर विधानसभा क्षेत्र इससे लगा हुआ है। बिल्हा भाजपा के लिए अनिश्चितता वाली सीट है। वहां से प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक चुनाव लड़ते हैं। पिछला चुनाव पार्टी हार गई थी। वहीं तखतपुर पिछले दो चुनाव से भाजपा के राजू सिंह यहां से विधायक है। पिछला चुनाव सिंह से बमुश्किल छह सौ वोट से ही जीत पाए हैं। पार्टी वहां स्थिति कमजोर मान रही है। आला नेताओं की राय में विधायक की पुलिस वाले के साथ विवाद का छवि पर असर पड़ा है।

बिलासपुर: राज्य बनने के पहले से भाजपा इस सीट पर काबिज है। अमर अग्रवाल लगातार चुनाव जीत रहे हैं। पिछले चुनाव में पार्टी करीब 15 हजार से अधिक वोट के अंतर से जीती थी। बिलासपुर में सीएम की आमसभा भी होगी।

दूसरे दिन भी रेड अलर्ट वाली सीटों पर फोकस

बगीचा: यह पत्थलगांव विधानसभा सीट का हिस्सा है। इस सीट पर पहली बार भाजपा जीती है। यहां से जीते रामसेवक पैकरा पिछले चुनाव में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे और इस वक्त गृह मंत्री हैं। पैकरा कंबल वाले बाबा को लेकर पहले ही विवादों में थे। इस बीच उनके भतीजे पर एक युवती के शारीरिक शोषण का आरोप लग गया है।

खरोरा: यह धरसींवा विधानसभा क्षेत्र में आता है। भाजपा के देवजी पटेल लगातार तीन बार जीत चुके हैं। हालांकि हर बार जीत का अंतर कम होता जा रहा है। पिछला चुनाव महज 24 सौ वोट से पार्टी जीत पाई थी।

ग्राम भैंसा: आरंग विधानसभा क्षेत्र का यह गांव धरसींव व आरंग की सीमा पर है। आरंग सीट पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है, लेकिन 2008 में पार्टी यह सीट हार गई थी।

ग्राम संडी, बलौदाबाजार: यह सीट अभी कांग्रेस के कब्जे में है। 2013 में पार्टी यह सीट करीब 10 हजार वोट से हार गई थी। वहीं, 2003 में यह सीट कांग्रेस के पास थी।


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