CG Election Results 2018: जरूर पढ़ें 5 कारण, छत्तीसगढ़ में क्यों जीती कांग्रेस, क्यों हुई रमन सिंह की विदाई
CG Election Results 2018: एक नजर इन कारणों पर कि भाजपा को क्यों हार मिली और कांग्रेस कैसे 15 साल बाद सत्ता में लौटती दिख रही है -
रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनाव नतीजे जीतने वाले के लिए जितने चौंकाने वाले रहे उससे ज्यादा हारने वाले को हैरान कर गए। 15 साल की भाजपा की सत्ता के बाद बदलाव की उम्मीद तो की जा रही थी लेकिन बदलाव ऐसा होगा यह नहीं सोचा गया था। जनता ने आदेश सुनाया तो भाजपा के बड़े-बड़े दिग्गज धराशाई हो गए। खुद मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ले देकर किसी तरह करीब छह हजार के अंतर से अपनी सीट बचा पाए। पिछली बार रमन सिंह 35 हजार से ज्यादा वोटों से जीते थे। बदलाव की बयार ऐसी बही कि भाजपा के 12 में से आठ मंत्री चुनाव हार गए। जो जीत पाए हैं उनकी जीत का अंतर बेहद मामूली रह गया। ऐसा क्या हुआ कि भाजपा को इतनी बुरी हार झेलनी पड़ी। नईदुनिया ने हार-जीत के कारणों को तलाशने की कोशिश की।
यह है भाजपा की हार की वजह
- भाजपा ने पिछले चुनाव के दौरान किसानों के लिए जो घोषणाएं की थीं उसे समय पर पूरा नहीं किया। चुनावी साल में धान बोनस जैसे वादों को पूरा करने की कोशिश की लेकिन उसका फायदा नहीं हुआ।
- प्रदेश के युवाओं के लिए बेरोजगारी बड़ा मुद्दा रहा। सरकारी नौकरियां निकल नहीं रहीं और जो नौकरी निकल रही हैं उसमें आउटसोर्सिंग से बाहर के लोगों को अवसर मिल रहा है। बेरोजगारी से युवा निराश थे।
- आदिवासी इलाकों में पेसा कानून और ग्रामसभा की वरीयता का कानून लागू नहीं किया गया। आदिवासी जमीनों की लूट, नक्सलवाद के नाम पर दमन, विस्थापन आदि आदिवासियों की नाराजगी के कारण रहे।
- आदिवासियों ने पत्थलगड़ी आंदोलन भी चलाया जिसे सख्ती से दबाया गया। चुनावी साल में सरकारी कर्मचारी, पुलिस और अन्य संगठन आंदोलन पर रहे।
- सरकार ने उनकी मांगों को पूरा करने की जितनी कोशिश की उतनी ज्यादा उम्मीद बढ़ती गई। और इन सबसे बड़ा कारण रहा 15 साल की एंटी इंकम्बेंसी।
इसलिए जीती कांग्रेस
- कांग्रेस जनता की नब्ज पकड़ने में सफल रही। इस बार कांग्रेस ने लोगों से मिलकर उनकी इच्छा पूछी और उनकी जरूरतों के मुताबिक जनघोषणापत्र तैयार किया। चुनाव में बदलाव का नारा दिया, मतदान के दौरान बदलाव की लहर दिखी।
- कांग्रेस ने किसानों से कर्जमाफी और धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने का वादा किया इसका नतीजा यह हुआ कि किसानों ने सरकारी सोसाइटी में धान बेचना ही बंद कर दिया। किसान आंदोलन पर रहे जबकि सरकार उनका दमन करती रही, कांग्रेस ने किसानों की भावनाओं को भुनाया।
- कांग्रेस लगातार आंदोलन पर रही। आंदोलनों को कुचलने के लिए सरकार ने दमन का सहारा लिया जिससे कांग्रेस नेताओं के प्रति सहानुभूति उपजी। युवाओं को नौकरी या बेरोजगारी भत्ता देने, शराब बंद करने जैसी घोषणाएं असरकारी साबित हुईं।