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CG Election 2018: सियासी दलों ने केवल 11 से 15 फीसद महिलाओं को ही दिया टिकट

women voters राज्य निर्माण के बाद 2003 में हुए पहले चुनाव में पांच महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंची थीं।

By Sandeep ChoureyEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 03:56 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 03:56 PM (IST)
CG Election 2018: सियासी दलों ने केवल 11 से 15 फीसद महिलाओं को ही दिया टिकट

रायपुर। नईदुनिया, राज्य ब्यूरो 

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नारी सशक्तीकरण और आरक्षण की वकालत करने वाली पार्टियों ने इस बार भी चुनाव में महिलाओं के अधिकार में डंडी मार दी हैं। राजनीतिक पार्टियों ने विधानसभा चुनाव में इस बार भी महिलाओं को प्रतिधित्व देने में कंजूसी कर दी है। टिकट वितरण में 33 फीसद तो दूर पार्टियां उन्हें 16 फीसद भी सीट नहीं दिया। राष्ट्रीय दलों ने बमुश्किल 11 से 15 फीसद ही टिकट दिया है। इसके बावजूद करीब 115 से अधिक महिलाओं ने इस बार विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमाया है। राज्य में महिलाओं के विधानसभा चुनाव लड़ने का यह सर्वाधिक आंकड़ा है।

इस बार कांग्रेस से आगे निकली भाजपा

अब तक के तीनों चुनाव में महिलाओं को टिकट देने में कांग्रेस, भाजपा से आगे रहती थी, लेकिन इस बार भाजपा ने 14 महिलाओं को टिकट दिया है। इसके विपरीत कांग्रेस ने केवल 12 को प्रत्याशी बनाया है। बसपा के कोटे से पांच और जकांछ से तीन महिला प्रत्याशी हैं। आप ने भी करीब आठ महिलाओं को टिकट दिया है।

मतदान के प्रति जागरुक हैं राज्य की महिलाएं

छत्तीसगढ़ की महिला मतदान के मामले में पुस्र्षों से ज्यादा जागस्र्क हैं। 20 नवंबर को राज्य की 72 सीटों पर हुए मतदान में करीब 27 सीटों पर महिलाओं ने पुस्र्षों से अधिक मतदान किया है। वहीं, करीब दर्जनभर से अधिक सीटें ऐसी हैं, जहां पुस्र्ष और महिलाओं के वोटिंग फीसद में मामूली अंतर है।

हर बार बढ़ रही सक्रियता

वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ में पहला विधानसभा का चुनाव 2003 में हुआ। उस चुनाव में राज्य की 90 में से 46 सीटों पर 62 महिला प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाया। 2008 में सीटों की संख्या बढ़कर 94 पहुंच गई। बीते 2013 इसमें थोड़ी कमी आई और आंकड़ा 83 तक ही पहुंच पाया। इस बार फिर 115 महिलाओं ने चुनाव लड़ा है।

हर बार 5 से 11 महिलाएं जीत रहीं

राज्य निर्माण के बाद 2003 में हुए पहले चुनाव में पांच महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंची थीं। इनमें चार भाजपा व एक बसपा की थीं। 2008 में यह संख्या बढ़कर 11 पहुंच गई। इसमें छह भाजपा और पांच कांग्रेस की विधायक चुनी गईं। 2013 में भाजपा की छह और कांग्रेस की चार महिलाएं कुल 10 विधायक बनीं।

केवल दो सीट पर महिलाएं आमने-सामने

राज्य की 90 में से केवल दो ही सीट ऐसी हैं जिन पर दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने महिलाओं को टिकट दिया है। इसमें से एक सारंगढ़ और दूसरा तखपुर सीट है।

कई सीटों पर महिलाओं ने किया अधिक वोट

सीट पुस्र्ष महिला

भरतपुर-सोनहत 71.11 74.65

प्रतापपुर 82.15 82.89

रामानुजगंज 81.45 81.78

लुंड्रा 85.07 86.37

कुनकुरी 76.13 79.40

पत्थलगांव 79.92 80.92

लैलुंगा 84.48 84.77

खरसिया 86.74 86.88

धरमजयगढ़ 85.42 85.91

कोरबा 71.19 71.98

कटघोरा 76.78 78.56

लोरमी 70.90 72.44

सक्ती 74.92 75.72

पामगढ़ 69.88 71.43

बिलाईगढ़ 70.47 71.75

रायपुर ग्रामीण 60.19 62.13

रायपुर पश्चिम 60.35 60.57

संजरी बालोद 83.51 84.18

डौंडीलोहरा 79.48 81.66

गुंडरदेही 82.72 82.89

भिलाई नगर 66.85 67.05

महिला प्रत्याशियों की पार्टीवार स्थिति

2003 2008 2013

पार्टी टिकट जीत टिकट जीत टिकट जीत

भाजपा 06 04 10 06 11 06

कांग्रेस 08 00 10 05 14 04

बसपा 06 01 08 00 06 00

निर्दल. 09 00 22 00 29 00


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