CG Election 2018: शराबबंदी से पहले नई सरकार को करनी होगी 45 सौ करोड़ आय की व्यवस्था
CG Election 2018 : विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्ण शराबबंदी का किया है वादा। आदिवासी क्षेत्रों में ग्राम सभा को होगा अधिकार।
रायपुर। कांग्रेस के बड़े वादों में से एक पूर्ण शराबबंदी है, जिसकी वजह से पार्टी के प्रत्याशियों को महिलाओं का वोट अधिक मिला। कांग्रेस सरकार को इस वादे को पूरा करने से पहले 45 सौ करोड़ के राजस्व की अतिरिक्त व्यवस्था करनी होगी। यह कांग्रेस सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा।
कांग्रेस ने अपने जनघोषणापत्र में कहा है कि राज्य में शराब बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा, लेकिन बस्तर, सरगुजा जैसे अनुसूचित क्षेत्रों में शराबबंदी का अधिकार ग्राम सभा को होगा। अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा को अधिकार देने के पीछे तर्क यह है कि आदिवासी संस्कृति में शराब का उपयोग धार्मिक कार्यों में होता है।
कांग्रेस सरकार धार्मिक कार्यों में व्यवधान पैदा नहीं करेगी। शराबबंदी की कांग्रेस सरकार ने समयसीमा तय नहीं की है। पार्टी सूत्रों की मानें तो पहले शराब बिक्री से आय की समीक्षा होगी और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से पहले उस आय का विकल्प तलाशा जाएगा।
आबकारी विभाग के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में शराब से लगभग चार हजार करोड़ का राजस्व मिला था। चालू वित्तीय वर्ष के लिए 43 सौ से 44 सौ करोड़ के राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है। विभाग के अधिकारियों का दावा है कि शराब बिक्री की व्यवस्था बदलने पर अपेक्षा से अधिक आय में वृद्धि हुई है। इस कारण चालू वित्तीय वर्ष में राजस्व 45 सौ करोड़ तक भी पहुंच सकता है।
आय बढ़ाने पर होने लगा मंथन
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि शराबबंदी से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए अभी विस्तृत योजना नहीं बनी है, लेकिन विचार जरूर हुआ है। जैसे कृषि उत्पादों से आय का लक्ष्य बढ़ाया जाएगा, इसके लिए हर जिला व ब्लॉक मुख्यालयों में फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने का वादा किया गया है। वनोपज और खनिज का उपयोग बढ़ाया जाएगा। इसके लिए बाक्साइट, चूना पत्थर और दूसरे खनिज के लिए प्लांट भी लगाए जाएंगे। पर्यटन को बढ़ावा देकर पर्यटकों से आय बढ़ाने की कोशिश होगी।
भाजपा सरकार ने बंद की थी ठेका प्रथा
भाजपा सरकार ने ठेका प्रथा बंद कर दी। पहले प्रदेश में शराब दुकानों का ठेका होता था। दो साल से व्यवस्था बदली जा चुकी है। अब शराब दुकानों का संचालन करने के लिए अलग से प्राधिकरण बनाया गया है। दुकानों में प्लेसमेंट पर कर्मचारी रखे गए हैं।