CG Election 2018: मोदी की सभा 12 तो राहुल की 3.5 लाख में पड़ी
CG Election 2018 निर्वाचन कार्यालय ने प्रत्याशियों की हर चुनावी सभा की वीडियोग्राफी कराई है।
बिलासपुर। दोनों दौर का मतदान खत्म होने के साथ ही छत्तीसगढ़ में चुनावी शोर पूरी तरह थम गया है। नेता और कार्यकर्ता अब दूसरे राज्यों का रूख कर रहे हैं, लेकिन प्रत्याशी अब भी दोहरी चिंता में फंसे हैं। पहली चिंता चुनाव परिणाम को लेकर है तो दूसरी चुनावी खर्च को लेकर। इनमें भी स्टार प्रचारकों के जरिये वोट की अपील कराने वाले खासे चिंतित हैं, क्योंकि स्टार प्रचारकों की सभाओं के खर्च का आकलन चुनाव आयोग खुद कर रहा है। बड़े स्टार प्रचारकों के साथ मंच साझा करना प्रत्याशियों पर भारी पड़ रहा है। उनके चुनाव खर्च खाते में आयोग बड़ी सभाओं का खर्च शामिल कर ले रहा है। आयोग ने खर्च की सीमा 28 लाख तय कर रखी है।
स्टार प्रचारकों का खर्च जुड़ने की वजह से राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों का बही-खाता गड़बड़ा रहा है। इसी वजह से कई प्रत्याशी अब तक हिसाब- किताब नहीं दे पाए हैं। ऐसे लोगों को आयोग ताबड़तोड़ नोटिस जारी कर रहा है।
पीएम की सभा के मंच पर थे नौ प्रत्याशी
निर्वाचन कार्यालय के अनुसार प्रधानमंत्री की बिलासपुर में हुई सभा में 11 लाख 85 हजार 291 रुपए खर्च किए गए। मंच पर भाजपा के नौ प्रत्याशी मौजूद थे। इसके कारण हर एक के हिस्से में एक लाख 31 हजार 699 रुपए आए हैं।
राहुल की खपरी की सभा में मंच पर थे छह प्रत्याशी
इसी तरह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की तखतपुर के खपरी में चुनावी सभा हुई थी। इसमें कांग्रेस के छह प्रत्याशी मंच पर मौजूद थे। चुनाव कार्यालय ने उनकी वीडियोग्राफी कराकर प्रत्येक के खाते में 61-61 हजार रुपए का खर्च निकाल दिया है। इसका हिसाब अब प्रत्याशियों को देना है।
नाम लिया और फंस गए कौशिक
तिफरा में चुनाव प्रचार के लिए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए थे। अंध- मूकबधिर शाला में आयोजित इस चुनाव सभा में खर्च से बचने के लिए भाजपा प्रत्याशी व प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक मंच पर मौजूद नहीं थे। उन्होंने अपने पुत्र और गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी को भेज दिया था। कार्यक्रम सब कुछ ठीक चल रहा था।
अंत में योगी ने कौशिक को वोट देने की अपील कर दी। उनके अपील करते हुए चुनावी सभा भाजपा प्रत्याशी के खर्च में जुड़ गई। निर्वाचन आयोग की तरफ से बकायदा उनका प्रचार करते हुए वीडियोग्राफी भी करा ली गई है। इस तरह कौशिक का मंच पर नहीं जाने की रणनीति अंत में जाकर फेल हो गई। इस सभा में 75 हजार रुपए खर्च आया, जो पूरा एक ही प्रत्याशी के खाते में जुड़ गया है।
वीडियो देखकर तैयार हो रहा हिसाब
निर्वाचन कार्यालय ने प्रत्याशियों की हर चुनावी सभा की वीडियोग्राफी कराई है। कई सभा में स्टार प्रचारकों ने अपने साथ प्रत्याशी को नहीं रखा और उनका जिक्र तक नहीं किया। ऐसी स्थिति में उनकी सभा का खर्च प्रत्याशी के खाते में नहीं जुड़ेगा। निर्वाचन कार्यालय व्यय लेखा तैयार करने के लिए अब वीडियोग्राफी को भी देख रहा है।