भाजपा ने उम्मीदवारों के साथ साधा जातिगत समीकरण
मनेंद्रगढ़ में किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष लखन श्रीवास्तव ने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की टिकट पर ताल ठोंक दी है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के चुनावी समर में भाजपा सभी 90 सीटों पर अपने पत्ते खोल चुकी है। मिशन 65 प्लस के लिए पार्टी ने उम्मीदवार चयन में जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश के साथ बड़ा दांव खेला है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सर्वे और प्रदेश संगठन की रिपोर्ट के बाद पार्टी ने जातिगत समीकरण, जीतने की क्षमता, युवा और महिला उम्मीदवारों का सामंजस्य बनाया है।
बस्तर संभाग
भाजपा के पास 12 में से चार विधायक हैं। यहां पार्टी ने पिछले चुनाव में हारे नेताओं को एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है। संभाग से एकमात्र विधायक भोजराज नाग का टिकट काटकर पूर्व मंत्री विक्रम उसेंडी को मैदान में उतारा है। वहीं, नए चेहरे के रूप में कांकेर से हीरा मरकाम और केशकाल से हरीशंकर नेताम को टिकट दिया है।
सरगुजा संभाग
14 सीट पर पिछले चुनाव में सात-सात सीट पर कांग्रेस-भाजपा के विधायक चुने गए थे। भाजपा ने संभाग के दो विधायकों जशपुर और कुनकुरी विधायक का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया है। वहीं, पिछले चुनाव में हारे पांच उम्मीदवारों को एक बार फिर मौका दिया है।
टिकट बंटवारे के बाद सरगुजा भाजपा में भारी असंतोष सामने आया है। यहां भटगांव, रामानुजगंज और मनेंद्रगढ़ में बगावत हो गई है। भटगांव में संघ के जमाने से सक्रिय अजय गोयल ने नामांकन जमा कर दिया है। रामानुजगंज में संगठन के आधे से ज्यादा नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, मनेंद्रगढ़ में किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष लखन श्रीवास्तव ने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की टिकट पर ताल ठोंक दी है।
बिलासपुर संभाग
20 सीट में भाजपा के 12, कांग्रेस के 11 और एक बसपा का विधायक है। पार्टी ने यहां पांच विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया है। यहां लैलूंगा से सुनीति राठिया का टिकट काटकर उनके पति सत्यानंद राठिया और चंद्रपुर से युद्धवीर सिंह जूदेव का टिकट काटकर संयोगिता जूदेव को मैदान में उतारा है।
बिलासपुर संभाग ने पार्टी ने प्रयोग भी किया है। पूर्व आइएएस ओपी चौधरी को कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले खरसिया से उतारा है, तो कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे रामदयाल उइके को अपने पाले में लाकर विपक्षियों को चुनौती भी दी है। मरवाही में पोर्ते परिवार की अर्चना पोर्ते और तखतपुर से पूर्व मंत्री मनहरणलाल पांडेय की बेटी हर्षिता पांडेय को मैदान में उतारा है। पार्टी ने यहां से पांच महिला उम्मीदवार दिए हैं।
दुर्ग संभाग की 20 में 11 सीट पर भाजपा विधायक हैं। यहां पार्टी ने एकमात्र विधायक रमशीला साहू का टिकट काटा है। पार्टी ने यहां जातिगत समीकरण को देखते हुए छह साहू उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
भाजपा से बागी होकर छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच बनाने वाले ताराचंद साहू के बेटे दीपक साहू को पार्टी ने उनकी परंपरागत सीट से उम्मीदवार बनया। वहीं भारी विरोध के बाद भी वैशालीनगर से विद्यारतन भसीन पर भरोसा जताया है। महापौर चंद्रिका चंद्राकर को दुर्ग शहर और साहू समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू को पाटन के मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेला है।
रायपुर संभाग में सबसे ज्यादा 14 सीट पर भाजपा
रायपुर संभाग की 20 में से 14 सीट पर भाजपा विधायक हैं। यहां कांग्रेस के चार और एक निर्दलीय विधायक हैं। पार्टी ने संभाग के पांच विधायकों का टिकट काटा है। पार्टी ने मंत्री अमर अग्रवाल के पीए रहे श्याम तांडी को सराईपाली, पटेल ट्यूटोरियल के संचालक डीसी पटेल को बसना और शिक्षक टेशू धुरंधर को बलौदाबाजार से टिकट देकर सबको चौंकाया है। बलौदाबाजार से एक दर्जन महिला दावेदारों के बीच संघ की पसंद धुरंधर को मौका दिया गया। पिछले चुनाव में हारे चंद्रशेखर साहू और नंदकुमार साहू को पार्टी ने एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है।
ये योद्धा फिर हैं मैदान में
डॉ रमन सिंह(सीएम), चंपादेवी पावले, श्याम बिहारी जायसवाल, भइयालाल राजवाड़े, रामसेवक पैकरा, शिवशंकर पैकरा, रोशनलाल अग्रवाल, केराबाई मनहर, लखनलाल देवांगन, तोखन साहू, पुन्नूूूूलाल मोहले, अमर अग्रवाल, अंबेश जांगड़े, सनम जांगड़े, गौरीशंकर अग्रवाल, शिवरतन शर्मा, देवजी पटेल, राजेश मूणत, बृजमोहन अग्रवाल, संतोष उपाध्याय, अजय चंद्राकर, प्रेमप्रकाश पांडेय, सांवलाराम डाहरे, लाभचंद बाफना, अवधेश चंदेल, दयालदास बघेल, मोतीराम चंद्रवंशी, अशोक साहू, सरोजनी बंजारे, केदार कश्यप, संतोष बाफना, महेश गागड़ा, विद्यारतन भसीन और श्रीचंद सुंदरानी
इन 14 हारे नेताओं पर फिर दांव
रजनी त्रिपाठी, सिद्धनाथ पैकरा, विजयनाथ सिंह, अनुराग सिंहदेव, ननकीराम कंवर, डॉ कृष्णमूर्ति बांधी, नंदकुमार साहू, चंद्रशेखर साहू, कोमल जंघेल, लता उसेंडी, भीमा मंडावी, धनीराम बारसे, काशी साहू, पूनम चंद्राकर और कैलाश साहू
इन 15 विधायकों का कट गया टिकट
राजशरण भगत, रोहित साय, सुनिती राठिया, राजूसिंह क्षत्री, बद्रीधर दीवान, खेलावन साहू, युद्धवीर सिंह जूदेव, चुन्नीलाल साहू, नवीन मारकंडेय, गोवर्धन मांझी, श्रवण मरकाम, रमशीला साहू, भोजराज नाग, रूपकुमारी चौधरी और रामलाल चौहान
18 नए चेहरों को उतारा मैदान में
छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पांडेय, पूर्व आइएएस ओपी चौधरी, प्रो गोपालराम भगत, लीनव राठिया, विकास महतो, रंजना साहू, चंद्रिका चंद्राकर, हिरेंद्र साहू, कंचनमाला भूआर्य, हीरा मरकाम, हरिशंकर नेताम, मोनिका साहू, रजनीश सिंह, श्याम तांडी, डीसी पटेल, टेशु धुरंधर, पवन साहू और दीपक साहू।
14 महिला प्रत्याशियों पर खेला दांव
पहली बार भाजपा ने 14 महिला उम्मीदवार बनाए हैं। भाजपा ने 2003 में 6 महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे, जिसमें चार को जीत मिली थी। 2008 में दस में छह और 2013 में 11 में छह महिला उम्मीदवारों को जीत मिली थी। महिला उम्मीदवार में लता उसेंडी, चंपादेवी पावले, रजनी त्रिपाठी, केराबाई मनहर, लीनव राठिया, अर्चना पोर्ते, हर्षिता पांडेय, संयोगिता सिंह, मोनिका साहू, पिंकी शाह, रंजना साहू, चंद्रिका चंद्राकर, सरोजनी बंजारे, कंचनमाला भूआर्य।