अंतरकलह, गुटबाजी ने रोकी भाजपा के 12 उम्मीदवारों की घोषणा
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो 12 उम्मीदवारों की 31 अक्टूबर को घोषणा हो सकती है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के चुनावी समर में भाजपा के 12 उम्मीदवारों की घोषणा नहीं होने से पार्टी पदाधिकारियों और टिकट के दावेदारों का दबाव बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री निवास पर पिछले तीन दिन से रोजाना टिकट पर आला नेताओं के साथ मंथन चल रहा है, लेकिन हर सीट पर तीन से पांच मजबूत दावेदार और गुटबाजी की स्थिति में नाम को अंतिम रूप नहीं दिया जा रहा है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो 12 उम्मीदवारों की 31 अक्टूबर को घोषणा हो सकती है।
भाजपा ने सरगुजा की प्रेमनगर और रामानुजगंज में बड़े नेताओं की बगावत और एकराय नहीं होने के कारण घोषणा नहीं की है। प्रेमनगर में सामान्य सीट होने के बावजूद आदिवासी नेताओं की दावेदारी ने भी चिंता बढ़ा दी है। वहीं, रामानुजगंज में सांसद रामविचार नेताम को मैदान में उतारने और नहीं उतारने के बीच टिकट की घोषणा अटक गई है।
पिछले चुनाव में प्रेमनगर से रेणुका सिंह 18 हजार 327 और रामानुजगंज से रामविचार नेताम को 11 हजार 592 वोट से कांग्रेस उम्मीदवार से हार मिली थी। बिलासपुर संभाग की कोटा और जैजेपुर सीट पर जातिगत समीकरण के आधार पर घोषणा नहीं हो पाई है।
कोटा में पार्टी कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा कर रही है। यहां से रेणु जोगी विधायक है, लेकिन कांग्रेस में इस बार उनके टिकट पर संशय है। वहीं, जैजेपुर सीट पर पिछले चुनाव में भाजपा के डॉ खिलेश साहू को महज दो हजार 579 वोट से हार मिली थी।
यहां बसपा के केशव चंद्रा को जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस के महंत रामसुंदर दास तीसरे स्थान पर थे। रायपुर संभाग की रायपुर उत्तर और बालौदाबाजार पार्टी के बड़े नेताओं की खींचतान में फंस गई है। रायपुर उत्तर में जातिगत समीकरण तो बलौदाबाजर में सांसद रमेश बैस को उम्मीदवार बनाने का पेच फंस गया है।
सराइपाली और बसना में साहू समाज की दावेदारी के कारण पार्टी की उलझन बढ़ी है। यहां से साहू समाज के तीन से पांच दावेदार सामने आ रहे हैं। जबकि दोनों सीट सराइपाली से रामलाल चौहान और बसना से रूपकुमारी चौधरी भाजपा की विधायक हैं।
महासमुंद में पार्टी की कोशिश निर्दलीय विधायक विमल चोपड़ा को अपने पाले में लाने की है। केंद्रीय स्तर पर सहमति नहीं बनने के कारण घोषणा रुक गई है। वहीं विमल चोपड़ा एक बार फिर निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं।
दुर्ग संभाग की संजारी बालोद, गुंडरदेही, वैशाली नगर में बड़ा पेंच फंसा है। संजारी-बालोद के पैनल में साहू समाज से तीन नेताओं का नाम है। इसमें पूर्व विधायक मदन साहू के बेटे नरेश साहू की दावेदारी सामने आ रही है।
पिछले चुनाव में मदन साहू के परिवार से टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी को 30 हजार से ज्यादा वोट से हार मिली थी। वहीं, गुंडरदेही से मंत्री रमशीला साहू को एडजेस्ट करने और वैशाली नगर में सांसद सरोज पांडे को उम्मीदवार बनाने की चर्चा के कारण घोषणा अटकी है।
इन सीटों पर घोषित नहीं हुए उम्मीदवार
प्रेमनगर, रामानुजगंज, कोटा, जैजेपुर, सराइपाली, बसना, महासमुंद, बलौदाबाजार, रायपुर उत्तर, संजारी बालोद, गुंडरदेही, वैशाली नगर।