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अजीत जोगी के एक पासे ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में खड़े किए कई सवाल

जकांछ और बसपा गठबंधन का इस पर जवाब सुनें तो यही माना जा रहा है कि जोगी नेतृत्व कर प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर दांव लगाएंगे।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 07:32 PM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 07:57 PM (IST)
अजीत जोगी के एक पासे ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में खड़े किए कई सवाल
अजीत जोगी के एक पासे ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में खड़े किए कई सवाल

रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान की तारीख 12 नवंबर जैसे- जैसे पास आती जा रही है राजनीतिक दलों के पत्ते खुलने लगे हैं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के संस्थापक अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सीट राजनांदगांव सहित किसी भी सीट से चुनाव न लड़ने का एलान कर अपना पहला पत्ता खोला है। इससे पहले तक वे ताल ठोक कर राजनांदगांव से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को चुनौती देने की बात कहते रहे हैं। जोगी के इस कदम के कई मायने निकाले जा रहे और प्रश्न भी खड़े हो गए हैं।

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बहुत संभव है, उनके इस फैसले के सही जवाब तक कोई नहीं पहुंच पाएगा। राज्य के पहले सीएम के दावेदार न होते हुए भी वे सीएम बन गए थे। इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि जोगी किस तरह दूर की कौड़ी खेलते हैं। अबकी बार की कौड़ी से क्या नतीजा आएगा, कुछ कहा नहीं जा सकता। जकांछ और बसपा गठबंधन का इस पर जवाब सुनें तो यही माना जा रहा है कि जोगी नेतृत्व कर प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर दांव लगाएंगे। इस फैसले में गौर करने वाली बात यह है कि खुद जोगी या उनके पुत्र अमित जोगी ने कभी नहीं कहा कि जोगी चुनाव लड़ने से इन्कार कर रहे हैं।

यही बात कही जा रही है कि बसपा के चुनावी रणनीतिकारों ने सलाह दी कि जोगी केवल एक सीट पर फोकस न होकर सभी सीटों पर ध्यान दें। दरअसल, यह गठबंधन एससी की 10 और एससी की 39 सीटों पर ज्यादा ध्यान देना चाहता है। जोगी के इस फेंके गए पासे के पीछे और भी पासे छिपे हो सकते हैं। अब पासा सही पड़ेगा या नुकसान होगा, या किसे फायदा होगा? कुछ कहा नहीं जा सकता। इस पासे का जितने चाहें राजनीतिक मायने आप निकाल सकते हैं, सही मायने के कितने पास तक पहुंच पाएंगे, यह कहना मुश्किल है।

अहम सवाल- राजनांदगांव सीट पर गठबंधन से कौन?

जोगी ने ऐसा कर राजनांदगांव की सीट की गेंद भाजपा और कांग्रेस के पाले में फेंक दी है। साथ ही कांग्रेस को एक मुद्दा दे दिया है कि जोगी केवल भाजपा की बी टीम के लिए काम कर रहे हैं। अब सबसे दिलचस्प सवाल यह भी रहेगा कि राजनांदगांव से जकांछ या बसपा से कोई उम्मीदवार बनेगा भी या नहीं? उम्मीदवार बनाया भी जाएगा तो उनकी राजनीतिक कद-काठी पर जरूर लोगों की निगाह रहेगी।


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