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Parsa Election 2020: परसा में चंद्रिका राय के समक्ष विरासत बचाने की चुनौती, पुराने योद्धा से ही होगा आमना-सामना

Parsa Assembly Election News 2020 यह विस राज्‍य की चर्चित सीटों में से एक है। पूर्व मुख्‍यमंत्री दारोगा प्रसाद राय के बाद उनके पुत्र और तेजप्रताप के ससुर चंद्रिका राय यहां का प्रतिनिधित्‍व कर रहे हैं। हालांकि इस बार उनके जदयू में शामिल होने से मुकाबला रोचक हो गया है।

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 12:09 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 06:43 AM (IST)
Parsa Election 2020: परसा में चंद्रिका राय के समक्ष विरासत बचाने की चुनौती, पुराने योद्धा से ही होगा आमना-सामना
लोजपा के प्रत्‍याशी राकेश कुमार सिंह, जदयू के चंद्रिका राय और राजद के छोटेलाल राय की तस्‍वीर ।

सारण/ परसा, जेएनएन। परसा विधानसभा सीट जिले की वीआइपी सीट मानी जाती है। यह बिहार के मुख्‍यमंत्री रहे दारोगा प्रसाद राय की कर्मभूमि रही है। सारण लोकसभा क्षेत्र की इस विधानसभा सीट के पहले विधायक 1951 में दारोगा प्रसाद राय ही चुने गए थे। वे लगातार छह चुनावों में क्षेत्र का प्रतिनिधित्‍व करते रहे। इसके बाद उनकी पत्‍नी और बेटे भी यहां के विधायक चुने गए। पुत्र चंद्रिका राय ने लगातार पांच बार यहां जीत हासिल की। हालांकि 2005 एवं 2010 के चुनाव में उन्‍हें जदयू के छोटेलाल राय से शिकस्‍त मिली थी। हालांकि पिछले चुनाव में चंद्रिका राय ने अपनी सीट छोटेलाल राय से हासिल कर ली थी। राजद सुप्रीमो तेजप्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय इस बार राजद छोड़कर जदयू में शामिल हो चुके हैं। पार्टी ने उन्‍हें ही यहां का प्रत्‍याशी बनाया है। जबकि जदयू के पूर्व विधायक छोटेलाल राय राजद में शामिल होकर उसके प्रत्‍याशी बन गए हैं। इस तरह से यहां एक बार फिर आमने-सामने का मुकाबला देखने को मिल सकता है। लोजपा के राकेश कुमार सिंह समेत दस प्रत्‍याशी मैदान में हैं।

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प्रमुख प्रत्‍याशी

चंद्रिका राय जदयू

छोटेलाल राय राजद

राकेश कुमार सिंह लोजपा

 प्रमुख मुद्दे :

 1. सिंचाई : वीआइपी के बावजूद परसा विधानसभा क्षेत्र की गिनती पिछड़े इलाके में होती है। यहां के लोग खेती एवं मजदूरी पर ही निर्भर हैं। कहने के लिए तो सिंचाई के लिए 57 राजकीय नलकूप हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश अनुपयोगी हैं। किसान बाढ़ और सूखाड़ से त्रस्त हैं।

2. अनुमंडल बनाने की मांग: परसा को अनुमंडल मुख्यालय बनाने की मांग वर्षों से की जा रही है।  इसके साथ ही डेरनी को प्रखंड का दर्जा देने की मांग भी की जा रही है। अनुमंडल बनने से परसा, दरियापुर, मकेर के अलावा गड़खा प्रखंड की कई पंचायत के लोगों को सुविधा होगी। 

3. हरदियां चंवर में जलजमाव: हरदियां चंवर में परसा एवं दरियापुर प्रखंड की हजारों एकड़ जमीन सालों भर डूबी रहती है। हरदियां चंवर में दक्षिण सीमा पर सोनपुर प्रखंड क्षेत्र की भी कुछ जमीन इसमें है। यहां के जलजमाव को दूर करने या फिर पानी में मत्स्य पालन, बिजली, मखाना उद्योग सहित कई प्रकार की योजनाओं की जब तक घोषणा होती रही है। लेकिन अभी तक जमीन पर कुछ नहीं हो सका है।

4. डेरनी को प्रखंड बनाने का मुद्दा: भेल्दी-दिघवारा स्टेट हाईवे पर अवस्थित डेरनी बाजार दोनो मुख्य मार्केट से 10 किलोमीटर की दूरी पर बीचो बीच पर है। दक्षिण में 10 किलोमीटर एनएच 19 से जुङा है । राजधानी पटना की दूरी महज गांधी सेतु होते हुए 50 किलोमीटर और पहलेजा-दीघा पुल से होकर मात्र 30 किलोमीटर की दूरी है। इसे प्रखंड बनाने का मुद्दा हरबार उठता है। फिलहाल यह दरियापुर प्रखंड में हैं।

5.शिक्षा:  परसा के प्रभुनाथ कॉलेज में स्नातक वर्ग की पढाई की सुविधा है। इसमें पीजी एवं कॉमर्स की पढाई शुरू कराने के साथ ही एक महिला कॉलेज की स्थापना की मांग लोग करते रहे हैं।

वर्ष        कौन जीता                            कौन हारा

2015    चंद्रिका राय, राजद                      छोटेलाल राय, लोजपा

2010    छोटे लाल राय, जदयू                   चंद्रिका राय, राजद


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