पंजवारा के मतदाता बताएंगे अंतिम ओवर का हाल
बांका। विधानसभा चुनाव का मतदान संपन्न हुए तीन दिन बीत गया है। लोगों के जुबान पर जीत हार का आंकड़ा बूथ स्तर तक की गिनती तक उतर चुका है।
बांका। विधानसभा चुनाव का मतदान संपन्न हुए तीन दिन बीत गया है। लोगों के जुबान पर जीत हार का आंकड़ा बूथ स्तर तक की गिनती तक उतर चुका है। समर्थक अपने चहेते दल के प्रत्याशी को वोटों की गिनती में आगे बताने में जातीय गणित से लेकर विकासवाद, सामाजिक न्याय से नारी सशक्तिकरण तक की उपलब्धि को वोट पर चोट करने का तर्क समझा रहे हैं।
चुनाव परिणाम आने में अभी 10 दिन है, लेकिन बांका विधानसभा चुनाव में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, इसका दारोमदार को लेकर एक बार फिर पंजवारा ही अंतिम ओवर का स्कोर लिखेगा। बीते दो बार के विधानसभा चुनाव में तो पंजवारा क्षेत्र के मतदाताओं ने ही विजेता प्रत्याशी के किस्मत पर जीत का तिलक लगाया था। इस चुनाव से पीछे के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछली बार भाजपा के रामनारायण मंडल व राजद के जफरुल होदा में आमने सामने की लड़ाई थी। जिसमें महज चार हजार से कम वोटों से रामनारायण ने जीत का स्वाद चखा था। इसके ठीक पहले उपचुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो तब भी भाजपा से रामनारायण मंडल ही उम्मीदवार थे। आमने-सामने की लड़ाई में तब राजद से इकबाल हुसैन अंसारी थे। अंतिम राउंड तक जीत हार का सस्पेंस बरकरार था। अंतिम गिनती में पंजवारा इसके बाद सबलपुर के बूथों की बारी थी। तब एक हजार से भी कम मतों से रामनारायण की जीत का सेहरा सजा था। ऐसे में पिछली बार जैसा अगर कशमकश वोटों की गिनती में सामने आया तो एक बार फिर पंजवारा के मतदाता ही इन प्रत्याशियों को जीत हार का मजा चखाने का काम कर सकते हैं। कारण कि वोटों की गिनती अंतिम दौर में पंजवारा के तीन चार पंचायतों में आकर आराम पाती है। परिणाम जिसके भी पक्ष में हो पंजवारा के आसपास के बूथों पर मिले मत का इंतजार सभी चुनावी रणबांकुरों को अगले 10 नवंबर तक झकझोरेगा।