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भोटवा नय देवे ते पेंशनवा काटी देते हो बाबू

बांका। दर्जनों बार मतदान कर चुकी 72 वर्षीय नारायणपुर गांव निवासी धोधो देवी उस वक्त मतदान केंद्र पर जोर जोर से रोने लगी जब उसे वोट देने से रोक दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 10:30 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 10:30 PM (IST)
भोटवा नय देवे ते पेंशनवा काटी देते हो बाबू

बांका। दर्जनों बार मतदान कर चुकी 72 वर्षीय नारायणपुर गांव निवासी धोधो देवी उस वक्त मतदान केंद्र पर जोर जोर से रोने लगी, जब उसे वोट देने से रोक दिया गया। उन्हें न तो मतदान पर्ची मिला और ना ही मतदान केंद्र पर वोटर लिस्ट में उनका नाम मिला। भाग 121 में कई बार वह मतदान कर चुकी है, मगर इस बार वोटर लिस्ट से नाम गायब है।

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वोट नहीं दे पाने के कारण उन्हें डर था उनका पेंशन सरकार काट देगी। इसीलिए वह जोर-जोर से रो रो कर बोल रही थी.. हमरा वोट दिलाए दे रानी नहीं तो पेंशन कटी जाते। फिर लोगों ने उसे किसी तरह समझाकर घर वापस भेजा। इसी गांव के 80 वर्षीय खेलन शर्मा भी इस बार मतदान नहीं दे सका। बुधवार सुबह पूरे उत्साह के साथ हाथ में वोटर कार्ड लेकर खेलन शर्मा जब मतदान केंद्र पर पहुंचा तो मतदान कर्मियों ने वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने की बात बता कर वोट डालने से मना कर दिया। काफी देर तक मतदान केंद्रों पर आसपास पर्ची लेने के लिए भटकता रहा। वहां कार्यरत सहायक बीएलओ ने भी वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने की बात कही। दोपहर बाद काफी उदास मन से घर लौट गया। इसके अलावा दर्जनभर मतदाता है जिसमें गांव के लालू शर्मा, अदन तुरी, सुरेश तुरी सहित अन्य लोगों का लिस्ट से नाम गायब रहने के कारण लोग मायूस होकर घर लौट गए।


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