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Ziradei Election 2020: जीरादेई में बागी करेंगे खेल का फैसला, जदयू और माले में मुकाबले के आसार, 51.50 फीसद हुआ मतदान

Ziradei Election News 2020 जीरादेई सीट पर इस बार खूब बगावत दिख रही है। सबसे पहली बात तो यह हुई जदयू ने अपने विधायक को बेटिकट कर दिया। पूर्व भाजपा विधायक की बहू उगम पाठक भी मैदान में हैं।

By Shubh NpathakEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 06:43 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 08:41 PM (IST)
Ziradei Election 2020: जीरादेई में बागी करेंगे खेल का फैसला, जदयू और माले में मुकाबले के आसार, 51.50 फीसद हुआ मतदान
जीरादेई से एनडीए प्रत्‍याशी कमला सिंह और महागठबंधन के उम्‍मीदवार अमरजीत कुशवाहा।

सिवान, जेएनएनजीरादेई विधानसभा में जदयू ने अपने विधायक रमेश कुशवाहा का टिकट काट कर नए चेहरे कमला कुशवाहा को मैदान में उतारा है। वहीं एनडीए से अलग हुई लोजपा ने भाजपा का दामन छोड़ कर आए विनोद तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। भाजपा से विधायक रहीं आशा पाठक की बहू उगम पाठक भी चुनावी मैदान में ताल ठोक रही हैं। इन सब के बाद यहां पिछले चुनाव में कांटे की टक्कर देने वाले माले नेता अमरजीत कुशवाहा को राजद का साथ मिला है। मंगलवार को यहां 51.50 फीसद मतदान हुआ। भाजपा के कैडर वोटरों के साथ जातीय समीकरण भी इस सीट की जीत-हार में अहम भूमिका निभाएगा। इस सीट से कुल 12 प्रत्‍याशी चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। खास बात यह है कि महागठबंधन के उम्‍मीदवार फिलहाल जेल में हैं। उन्‍होंने अपना नामांकन पत्र ऑनलाइन दाखिल किया था।

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मैदान में हैं ये चेहरे

1. कमला सिंह - एनडीए

2. अमरजीत कुशवाहा - महागठबंधन

3. विनोद तिवारी - लोजपा

4. अच्छेलाल कुमार गोंड - स्वतंत्र समाज पार्टी

5. राहुल द्रविण - बसपा

6. महात्मा सिंह -  जनता पार्टी

7. मार्कंडेय कुमार उपाध्याय - द प्लूरल पार्टी

8. धनु प्रसाद - निर्दलीय

9. कुमार संतोष - निर्दलीय

10. राकेश कुमार पांडेय - निर्दलीय

11. सोहिला देवी - निर्दलीय

12. श्रीनिवास यादव - निर्दलीय

13. उगम पाठक - निर्दलीय

प्रमुख मुद्दे

1. स्टेडियम - इस विधानसभा में स्टेडियम नहीं है। यहां के बच्चे खासकर लड़कियां खेल में देश-विदेश में अपना लोहा मनवा रही हैं।

2. अनुमंडल का दर्जा - मैरवा व्यावसायिक हब तो बन गया है, यहां अनुमंडलीय स्तर के विभिन्न विभागों के कार्यालय मौजूद हैं, लेकिन अभी तक अनुमंडल का दर्जा पिछले तीस वर्षों के संघर्ष के बावजूद नहीं मिल पाया है।

3. शिक्षा : यहां उच्च शिक्षा की व्यवस्था नदारद है।

4. बिजली : बिजली नियमित न होने से आज भी ग्रामीण क्षेत्र में गर्मी के दिनों में परेशानी होती है।

5. पर्यटन स्थल : राजेंद्र बाबू के पैतृक गांव को पर्यटन स्थल घोषित नहीं किया गया।

अब तक इन्‍होंने किया प्रतिनिधित्‍व

1977 - राजाराम चौधरी -कांग्रेस

1980 -राघव प्रसाद -जनता पार्टी सेक्युलर(चरण सिंह)

1985 -डाॅ त्रिभुवन नारायण सिंह -कांग्रेस

1990 - मो शहाबुद्दीन - निर्दलीय

1995 - मो शहाबुद्दीन -जनता दल

1996 (उपचुनाव) -शिवशंकर यादव -जनता दल

2000 -एजाजुल हक -राजद

2005 (फरवरी) -एजाजुल हक -राजद

2005 (अक्तूबर) - श्याम बहादुर सिंह -जदयू

2010 - आशा देवी -भाजपा

2015 - रमेश सिंह कुशवाहा -जदयू


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