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Bihar Election 2020: बिहार चुनाव के नतीजे आने से पहले ही नीतीश सरकार के दो मंत्रियों की छुट्टी, जानिए वजह

Bihar Assembly Election 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण मतदान के ठीक पहले नीतीश कुमार की सरकार के दो मंत्रियों की छुट्टी हो गई है। मंत्रिमंडल सचिवालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। क्‍या है मामला जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 04:52 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 06:25 PM (IST)
Bihar Election 2020: बिहार चुनाव के नतीजे आने से पहले ही नीतीश सरकार के दो मंत्रियों की छुट्टी, जानिए वजह
बिहार चुनाव: मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की फाइल तस्‍वीर।

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Election 2020: बिहार की नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar Government) के दो मंत्रियों की सदस्यता राज्‍य के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होने की वजह से चली गयी है। मंत्रिमंडल सचिवालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Choudhary) और सूचना व जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार (Niraj Kumar) विधान परिषद के सदस्य थे। दोनों नेताओं की बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Assembly) सदस्य्ता का कार्यकाल छह मई को ही पूरा हो गया था। इस मियाद के  बीतने के छह महीने बाद भी वे किसी सदन के सदस्य नहीं बन सके थे। इस कारण उन्हें मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा है। विदित हो कि इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राज्‍यपाल से मिलने गया था। कांग्रेस ने दोनों मंत्रियों की बरखास्‍तगी (Dismissal) की मांग की थी। 

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छह महीने के नहीं थे एमएससी, बने हुए थे मंत्री

विदित हो कि भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और सूचना व जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार 2014 में विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे। विधान परिषद की सदस्‍यता समाप्‍त होने के बाद छह महीने से अधिक से वे मंत्री बने हुए थे।

कांग्रेस ने राज्‍यपाल से की थी बर्खास्‍तगी की मांग

बिहार कांग्रेस ने चुनाव के ठीक पहले यह मुद्दा उठाया। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला (Rajdeep Surjewala) के नेतृत्‍व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने बीते चार नवंबर को राज्यपाल फागू चौहान (Fagu Chauhan) से मिल कर दोनों मंत्रियों को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari) तथा विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा (Prem Chandra Mishra) ने कहा कि संविधान में प्रावधान है कि मंत्री पद की शपथ लेने वाला कोई भी व्‍यक्ति 180 दिन तक ही बिना किसी सदन का सदस्‍य बने मंत्री रह सकता है, लेकिन बिहार में इस नियम को ताक पर रख दिया गया।


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