Move to Jagran APP

Bihar Election 2020: इन्‍होंने देखा है पहली से लेकर 16वीं बिहार विधानसभा तक का सफर, अब 17वीं के लिए किया मतदान

हमारे बुजुर्गों की एक पीढ़ी ऐसी है जिसने बिहार विधानसभा की शुरुआत से लेकर अब तक का पूरा सफर देखा है। अब तक बिहार विधानसभा के लिए 16 चुनाव हो चुके हैं। ऐसे मतदाता हैं जो 1952 से लेकर अब तक एक बार भी मतदान में नहीं चूके।

By Shubh NpathakEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 07:26 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 07:26 PM (IST)
Bihar Election 2020: इन्‍होंने देखा है पहली से लेकर 16वीं बिहार विधानसभा तक का सफर, अब 17वीं के लिए किया मतदान
मतदान करने के बाद उंगली पर लगा निशान दिखाते प्रवीणचंद साह, मित्‍यानंद मांझी और रामप्रवेश। जागरण

पटना [पिंटू कुमार]। 17वीं बिहार विधानसभा के लिए चुनाव में एक से बढ़कर एक रोचक नजारे देखने को मिले। मतदान के पर्व में शहरी मतदाता और कामकाजी लोग भले थोड़े सुस्‍त दिखे, लेकिन ग्रामीण और बुजुर्ग मतदाताओं में खासा उत्‍साह दिखा। इस दौरान ऐसे मतदाता भी मिले तो जिन्‍होंने आजादी के बाद से अब तक कोई भी चुनाव मिस नहीं किया है। एलसीटी घाट के रहने वाले 87 वर्ष के प्रवीणचंद्र साह तो मतदाताओं के लिए एक नजीर हैं। वह ट्राईसाइकिल से महंत हनुमान शरण हाई स्कूल में वोट करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि पहली बार उन्‍होंने 1952 में मतदान किया था। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा के लिए पहला चुनाव इसी साल हुआ था। तब श्रीकृष्ण सिंह बिहार के पहले मुख्‍यमंत्री बने थे।

loksabha election banner

20 साल से अस्‍थमा के श्‍ािकार, फिर भी नहीं छोड़ा मतदान

प्रवीणचंद्र पिछले 20 सालों से अस्थमा की बीमारी से ग्रसित हैं, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ कि मतदान करने वे चूके हों। इस बार वे अपने पोते ऋतिक के साथ मतदान करने आये थे। पुराने दिनों को याद करते हुए वे बताते हैं कि तब बैलेट पेपर पर मतदान हुआ करता था। मतदान केंद्रों पर लंबी कतार लगा करती थी। मतदान करने के लिए घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि हम आज भी मतदान विकास के मुद्दे पर ही करते हैं।

मतदान केंद्रों पर पहले नहीं होती थी इतनी प्रक्रिया

इंदिरा की सरकार में वोट देने वाले मित्यानंद मांझी नेहरू नगर के वन कार्यालय नियोजन प्रमंडल में मतदान करने पहुंचे। नेहरू नगर के निवासी 70 वर्षीय मित्यानंद ने कहा कि पहले मतदान के लिए इतनी लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना होता था।

बूथों की संख्‍या बढ़ी तो घटने लगी कतार

नेहरू नगर मध्य विधालय के बूथ संख्या 251 पर 80 वर्षीय राम प्रवेश मतदान करने पहुंचे। उन्होंने बताया कि पहली बार जब उन्‍होंने मतदान किया था, तब बिहार में श्रीकृष्ण सिंह मुख्यमंत्री थे। तब मतदान के लिए लंबी लाइन लगा करती थी। अब तो बूथों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि लंबी लाइन की समस्या ही खत्म हो गई है। 75 वर्ष की सुशीला देवी भी पिछले 15 सालों से इसी मतदान केंद्र पर मतदान कर रही हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.