Rajauli Election 2020 : रजौली विधानसभा क्षेत्र में गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी बड़ा मुद्दा
Rajauli Election News 2020 सबसे पिछड़ा विधानसभा क्षेत्र रजौली है। यह सीट आरक्षित है। प्राकृतिक धन-संपदा से परिपूर्ण इस क्षेत्र में नक्सलियों की चहलकदमी रहती है। रजौली व सिरदला में कई बार पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ भी हुआ है। गरीबी अशिक्षा बेरोजगारी स्वास्थ्य जैसे ज्वलंत मुद्दे हैं।
जेएनएन, पटना : जिले के सबसे पिछड़ा विधानसभा क्षेत्र रजौली है। यह सीट आरक्षित है। प्राकृतिक धन-संपदा से परिपूर्ण इस क्षेत्र में नक्सलियों की चहलकदमी रहती है। रजौली व सिरदला में कई बार पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ भी हुआ है। गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, स्वास्थ्य जैसे ज्वलंत मुद्दे हैं, जिसपर क्षेत्र में काम किया जाना है। स्थानीय लोगों का मानना है कि शासन-प्रशासन की उपेक्षा की चलते इस विधानसभा क्षेत्र का अपेक्षित विकास नहीं हो सका। इस क्षेत्र में अभ्रक का भंडार है, जिसपर अवैध कारोबारियों की नजर रहती है। चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी भी मुद्दों पर बात नहीं कर पाते हैं और जातीय समीकरण हावी है। इस बार इस सीट पर 22 प्रत्याशी मैदान में हैं। आज 28 अक्टूबर को यहां मतदान हुआ।
मेसकौर प्रखंड के कई बूथों पर वोट बहिष्कार
विधानसभा क्षेत्र के मेसकौर प्रखंड के कई गांवों के लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। टेकपुर गांव के मतदान केंद्र 40, रेपुरा गांव में बूथ संख्या 44, 44(क) व 45 बारत गांव में बूथ संख्या 38, 38(क), 39 और 39(क) पर लोग मतदान से अलग रहे । पदाधिकारी के समझाने के बाद टेकपुर के ग्रामीणों ने 12 बजे के बाद मतदान शुरू किया। गांव वाले रोड नहीं बनाये जाने काे लेकर नाराज हैं।
मुद्दा एक
रजौली अनुमंडल मुख्यालय है, लेकिन रजौली को नगर पंचायत का दर्जा नहीं मिल सका। कई वर्षों से इसकी मांग उठती रही है। पूर्व में इस संबंध में अधिसूचना भी जारी हुई थी, लेकिन मामला हाईकोर्ट में हैं।
मुद्दा दो
जिले में दो ही अनुमंडल हैं, जिनमें रजौली भी शामिल है। दुखद स्थिति यह कि रजौली अनुमंडल क्षेत्र में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है। इस अनुमंडल में सात प्रखंड हैं। क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के नवादा शहर या फिर दूसरे जिले या राज्य से बाहर जाना पड़ता है।
मुद्दा तीन
इस विधानसभा क्षेत्र के मेसकौर प्रखंड में सीतामढ़ी है। मान्यता है कि यहां मां सीता ने इसी क्षेत्र में लव-कुश के साथ समय बिताया था। यहां हर वर्ष मेले का आयोजन किया जाता है। वहीं रजौली स्थित पहाडिय़ों में सप्तऋषियों की तपोस्थली है, जिसका वर्णन रामायण में भी है। यह भी कहा जाता है कि रजौली के फुलवरिया जलाशय के समीप स्थित बाबा ऋषि श्रृंग का पर्वत है। इस क्षेत्र को रामायण सर्किट से जोडऩे के लिए प्रयास भी किया गया है, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी है। इसे रामायण सर्किट से जोड़ दिया जाए तो पर्यटन क्षेत्र के रूप में असीम संभावनाएं हैं। इससे लोगों की गरीबी दूर हो सकती है।
मुद्दा चार
कहने को तो रजौली में अनुमंडलीय अस्पताल है, लेकिन सुविधाएं मयस्सर नहीं है। सबसे बड़ी दिक्कत चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को लेकर है। वहीं ग्रामीण स्तर पर पीएचसी, एपीएचसी, स्वास्थ्य उपकेंद्र की हालत तो काफी खराब है। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के चलते लोगों का सही इलाज नहीं हो पाता है। लेकिन गरीबी के कारण जनता मजबूरन इसी व्यवस्था में जी रही है।
मुद्दा पांच
क्षेत्र में रोजगार के लिए कोई कल-कारखाना नहीं है। फलस्वरुप रोजी-रोटी की तलाश में एक बड़ा तबका पलायन को मजबूर है। युवाओं के समक्ष बेरोजगारी सबसे बड़ा संकट है। लेकिन इस दिशा में कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। चुनाव के वक्त भी यह मुद्दा नहीं बन पाता है।
22 प्रत्याशी मैदान में
-भाजपा : कन्हैया कुमार
-राजद : प्रकाश वीर
-निर्दलीय : बनबारी राम
-निर्दलीय : अर्जुन राम
-परवल भारत पार्टी : मोहन चौधरी
-भारतीय सबलोक पार्टी : श्यामसुंदर कुमार रवि
-लोक जनतांत्रिक पार्टी : विश्वनाथ तांती
- मूल निवासी से पार्टी : प्रियंका देवी
-शोषित समाज दल : नरेश राम
-राष्ट्रीय समाज पार्टी : दिलीप पासवान
-राष्ट्रीय लोक समता पार्टी : मिथलेश राजवंशी
-जय महाभारत पार्टी : दुष्यंत पासवान
- पीपीआइ डेमोक्रेटिक : दुर्गा राजवंशी
- जअपा : दीपक कुमार
-निर्दलीय : श्रवण कुमार
-निर्दलीय : रङ्क्षवद्र राजवंशी
-निर्दलीय : प्रेमा चौधरी
-निर्दलीय : राकेश कुमार
-निर्दलीय : पृथ्वीराज बसंत
-निर्दलीय : चंदन कुमार
-निर्दलीय : बाल्मीकि राम
- निर्दलीय : रंजीत कुमार
वर्ष 2015 विस चुनाव
जीत
राजद के प्रकाश वीर
प्राप्त वोट 70549
हार
भाजपा के अर्जुन राम
प्राप्त वोट 65934
मतदान : 50.85 फीसद
वर्ष 2010 विस चुनाव
जीत
भाजपा के कन्हैया कुमार
प्राप्त वोट 51020
हार
राजद के प्रकाश वीर
प्राप्त वोट 36930