Bihar Election 2020: इस बार प्रवासी बिहारी बना-बिगाड़ सकते हैं खेल, 16 लाख से अधिक बने वोटर
Bihar Assembly Election 2020 इस बार के चुनाव में प्रवासी बिहारियों के वोट मायने रखते हैं। करीब 67 लाख नए मतदाताओं में प्रवासियों की संख्या 16 लाख 24 हजार है। यह संख्या खेल को बना या बिगाड़ सकती है।
पटना, जयशंकर बिहारी/ दीनानाथ साहनी। Bihar Assembly Election 2020: कोरोना (CoronaVirus) के कारण घर लौटे 'प्रवासी बिहारी' (Migrant Biharis) इस चुनाव में बड़े गेमचेंजर साबित हो सकते हैं। इस बार बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के नाम मतदाता सूची में जोड़े गए हैं, ऐसे में कम अंतर वाली सीटों पर प्रवासियों का वोट जीत-हार तय कर सकता है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक इस बार करीब 67 लाख नए मतदाता बने हैं, जिनमें प्रवासियों की संख्या 16 लाख 24 हजार है। इनके अंदर बेरोजगार होने और मुश्किल हालात में कर्मभूमि से विस्थापित होने का दर्द बरकरार है। हालांकि, इनमें से कुछ को घर में भी रोजगार मिल चुका है, किंतु कई को फिर लौटकर जाना पड़ा है। बिहार में एक ट्रेंड और देखा जाता है कि चुनाव के समय प्रवासी लोग अपने-अपने गांव लौटकर आते हैं। मनपसंद प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालते हैं। ऐसे में 2.22 फीसद प्रवासियों का रुझान परिणाम को प्रभावित कर सकता है।
'परदेसियों' को रिझाने की कोशिश
प्रवासी मतदाताओं की संख्या को देखते हुए तमाम राजनीतिक दलों के दिग्गज और चुनाव विश्लेषक हालात की समीक्षा में जुटे हैं। प्रवासियों का मनोभाव पढ़ने का प्रयास किया जा रहा है। माना जा रहा कि लॉकडाउन की पीड़ा झेल कर लौटे मतदाता कई सीटों पर जीत-हार का समीकरण बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में उन्हें रिझाने, समझाने और मनाने का दौर जारी है। उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा और प्रशिक्षण देने के साथ-साथ रोजगार मुहैया कराने का वादे-इरादे किए जा रहे हैं। चूंकि दूसरे प्रदेशों से लौटे बिहारी मतदाताओं में ज्यादातर पिछड़े और निम्न मध्यम वर्ग के हैं। अमूमन यह वर्ग मतदान को लेकर सबसे अधिक जागरूक होता है, इसलिए हर दल को डर सता रहा है कि ये मतदाता कहीं उनकी जीत का समीकरण न बिगाड़ दें।
पश्चिम चंपारण में सबसे ज्यादा प्रवासी वोटर
चुनाव आयोग के मुताबिक 25 सितंबर तक मतदाता सूची में सात करोड़ 29 लाख 75 हजार 565 मतदाता हैं। इनमें प्रवासियों की संख्या 16 लाख 24 हजार है। सबसे अधिक एक लाख नौ हजार 108 प्रवासी मतदाता पश्चिम चंपारण में हैं। जबकि, सबसे कम 10 हजार 557 प्रवासी मतदाता लखीसराय के हैं। जहानाबाद, अरवल, भागलपुर, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर और सारण में लौटे सभी प्रवासी मतदाता सूची में शामिल कर लिए गए हैं। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि 13 लाख 93 हजार 872 प्रवासी पहले से मतदाता सूची में शामिल थे। इसके अलावा दो लाख 30 हजार 812 प्रवासी को अभियान चलाकर मतदाता बनाया गया है।
दो जिलों में एक लाख से अधिक प्रवासी मतदाता
पूर्वी चंपारण और मधुबनी जिले में एक लाख से अधिक प्रवासी मतदाता हैं। मधुबनी में एक लाख छह हजार 605 प्रवासी मतदाता हैं। 50 हजार से अधिक मतदाता वाले 12 जिले हैं। इनमें अररिया, दरभंगा, गया, कटिहार, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर व सारण शामिल हैं। जहानाबाद, लखीसराय, शेखपुरा, कैमूर, मुंगेर व शिवहर में 15 हजार से भी कम प्रवासी मतदाता हैं।
60 से अधिक सीटों पर आठ हजार से कम वोट में जीत-हार
2015 के विधान सभा चुनाव में 60 से अधिक सीटों पर हार-जीत का अंतर आठ हजार वोट से कम रहा है। इन सीटों पर प्रवासी मतदाता अहम भूमिका निभा सकते हैं। प्रवासी मजदूरों पर शोध कर रही तान्या शर्मा का कहना है कि कोरोना काल में प्रवासी काफी परेशानी झेलकर अपने घर लौटे हैं। इस बार उनका मतदान फीसद जरूर बढ़ेगा। राज्य में धान कटनी शुरू होने को है। दुर्गापूजा, दीपावली व छठ भी मतदान तिथि के आसपास है। यह मौसम प्रवासी के लौटने का है। सामान्य दिनों में भी अक्टूबर व नवंबर में सबसे कम पलायन होता है।
जिला, प्रवासी बने मतदाता
1. अररिया 65,947 53,819
2. अरवल 18,035 16,407
3. औरंगाबाद 42,209 36,824
4. बांका 31,712 25,984
5. बेगुसराय 43,041 34,948
6. भागलपुर 49,170 44,190
7. भोजपुर 47,883 39,990
8. बक्सर 39,890 34,733
9. दरभंगा 84,831 81,845
10. गया 82,310 70,968
11. गोपालगंज 32,565 27,125
12. जमुई 22,609 18,799
13. जहानाबाद 13,279 11,697
14. कैमूर 16,232 13,506
15. कटिहार 97,820 90,697
16. खगडिय़ा 47,372 46,366
17. किशनगंज 40,348 36,205
18. लखीसराय 14,109 10,557
19. मधेपुरा 45,561 33,836
20. मधुबनी 1,16,718 1,06,605
21. मुंगेर 17,746 12,750
22. मुजफ्फरपुर 62,758 57,732
23. नालंदा 45,302 40,882
24. नवादा 47,485 28,713
25. पश्चिम चंपारण 88,577 82,641
26. पटना 26,560 24,461
27. पूर्वी चंपारण 1,17,088 1,09,108
28. पूर्णिया 77,983 65,141
29. रोहतास 64,832 51,408
30. सहरसा 46,870 34,974
31. समस्तीपुर 75,619 54,044
32. सारण 67,674 61,513
33. शेखपुरा 11,466 10,833
34. शिवहर 17,254 14,925
35. सीतामढ़ी 37,051 27,180
36. सिवान 40,213 34,181
37. सुपौल 55,046 46,331
38. वैशाली 36,302 32,766
(स्रोत : चुनाव आयोग)
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