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Daraunda Election 2020: दरौंदा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और माले के बीच हो सकता सीधा मुकाबला, 50.83 फीसद हुआ मतदान

Daraunda Election News 2020 सिवान जिले के अंतर्गत दरौंदा विधानसभा क्षेत्र में मुख्‍य मुकाबला भाजपा और भाकपा माले के बीच होने के आसार हैं। हालांकि भाजपा-जदयू गठबंधन के बागी यहां खेल बदलने पर आमादा हैं। इसकी काट में भाजपा को दमदार चेहरे का लाभ मिल सकता है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 06:32 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 08:45 PM (IST)
Daraunda Election 2020: दरौंदा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और माले के बीच हो सकता सीधा मुकाबला, 50.83 फीसद हुआ मतदान
सिवान के दरौंदा विधानसभा क्षेत्र के प्रत्‍याशी।

सिवान, जेएनएन। सिवान जिले की दरौंदा विधानसभा सीट पर 2010 से 2015 तक एक ही परिवार का दबदबा रहा। जगमातो देवी के बाद 2015 में उनकी बहू कविता सिंह यहां से विधायक हुईं। विधायक रहते ही 2019 में सांसद बन गईं। 2019 में हुए उपचुनाव में जदयू से चुनाव लड़ रहे अजय सिंह को निर्दलीय कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह ने हरा दिया। इस बार के चुनाव में जब भाजपा ने कर्णजीत सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया तो उनके नाम को लेकर अजय सिंह में नाराजगी देखी गई। अजय सिंह ने स्वयं तो निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन कर्णजीत के खिलाफ जितेंद्र स्वामी के छोटे भाई रोहित कुमार अनुराग को अपना समर्थन दे दिया है। इन सब के बीच माले के कद्दावर नेता अमरनाथ यादव भी इस सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं। जबकि पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़े ई. शैलेंद्र यादव इस बार जाप के सिंबल से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से कुल 11 प्रत्‍याशी अपनी किस्‍मत आजमा रहे हैं। मंगलवार को यहां 50.83 फीसद मतदान हुआ।

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प्रमुख प्रत्‍याशी

भाजपा : कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास

भाकपा-माले : अमरनाथ यादव

निर्दलीय : रोहित कुमार अनुराग

जाप : ई. शैलेंद्र यादव

प्रमुख मुद्दे

1. बिजली : महाराजगंज अनुमंडल मुख्यालय में विद्युत कार्यालय होने से क्षेत्र के लोगों को बिल जमा करने व अन्य कार्य के लिए महाराजगंज जाना पड़ता है।

2. जलजमाव : इस विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या बनी रहती है। जलजमाव से सड़कें अवरुद्ध हो जाती हैं और आवागमन में परेशानियां होती हैं।

3. शिक्षा : क्षेत्र में डिग्री कॉलेज न होने से छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए या तो जिला मुख्यालय आना होता या अन्य शहरों में।

4. स्टेडियम का अभाव : दारौंदा विधानसभा क्षेत्र में स्टेडियम न होने से युवाओं को खेल प्रतिभा निखारने का मौका नहीं मिल पाता है।

5. स्वास्थ्य : यहां के अस्पतालों में स्वास्थ्य की समुचित व्यवस्था न होने से मरीजों को सीधे सिवान या अन्य शहरों के अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है।

वर्ष - कौन जीता - कौन हारा

2019 उप चुनाव: कर्णजीत सिंह, निर्दलीय - अजय सिंह, जदयू

2015: कविता सिंह, जदयू - जितेंद्र स्‍वामी, जदयू

2010: जगमातो देवी, जदयू - बिनोद कुमार सिंह, राजद


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