Belsand Election 2020: बेलसंड में जदयू-राजद के साथ त्रिकोणीय लड़ाई बना रही लोजपा
Belsand Election News 2020 बेलसंड विधानसभा में जदयू अपनी सीट बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही। वहीं राजद अक्टूबर 2005 में मिली जीत का इतिहास दोहराने के लिए एड़ी- चोटी की जोरआजमाइश में जुटी थी । जबकि लोजपा इस लड़ाई को त्रिकोणीय बना रही।
सीतामढ़ी, जेएनएन। बेलसंड विधानसभा सीट पर दूसरे चरण में तीन नवंबर को था। बेलसंड विधानसभा में जदयू अपनी सीट बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही थी । यहां 2010 से ही जदयू का दबदबा रहा है। वहीं राजद अक्टूबर 2005 में मिली जीत का इतिहास दोहराने के लिए एड़ी- चोटी की जोरआजमाइश में जुटी है। जबकि, लोजपा इस लड़ाई को त्रिकोणीय बना रही थी। यह सीट जदयू की परंपरागत सीट बन चुकी है। मगर, 2015 और 2020 का राजनीतिक समीकरण इस बार बिल्कुल अलग है। पिछली बार जहां जदयू, राजद और कांग्रेस का महागठबंधन हुआ था तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा, लोजपा और रालोसपा एनडीए गठबंधन में साथ थी। इस बार 2020 के विधानसभा चुनाव में परिदृश्य बिल्कुल जुदा है। भाजपा-जदयू साथ है, तो रालोसपा व लोजपा दोनों ही अलग-थलग पड़ गई है।
महागठबंधन होने की वजह से यह सीट जदयू के हिस्से में आई थी। 2015 में 52.04 फीसदी मतदान हुआ था। जिसमें 27.59 फीसद मत पाकर महागठबंधन की ओर से जदयू उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। 2015 के चुनाव में जहां जदयू को राजद के परंपरागत माय समीकरण के लाभ के साथ नीतीश सरकार के विकास की बात थी तो दूसरी तरफ अगड़ा कार्ड भी काम आया था। इस बार यहां लड़ाई बिल्कुल आमने-सामने की है। यदि राजद का माय समीकरण फिर से फिट बैठता है तो इस सीट पर एनडीए को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन, दिलचस्प बात यह है कि 2015 में दूसरे स्थान पर रहे लोजपा के नसीर अहमद उर्फ लाल को पार्टी ने फिर से चुनाव मैदान में उतारा है। जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे मुस्लिमों के वोट में सेंध लगाने का काम कर सकते हैं।
चुनाव में मोदी फैक्टर के साथ वैश्य व अगड़ी-पिछड़ी जाति का वोट जदयू की नैया पार लगा सकती है, जो उसका आधार वोट है। 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जदयू प्रत्याशी सुनीता सिंह चौहान को 33,785 वोट मिले थे और एनडीए के लोजपा उम्मीदवार नासिर अहमद को 28210 वोट मिले थे। नासिर अहमद को 5575 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। जदयू ने इस चुनाव में अपनी पार्टी से सीटिंग विधायक सुनीता सिंह चौहान को टिकट दिया है। वहीं महागठबंधन ने इस सीट से पूर्व विधायक राजद के संजय कुमार गुप्ता पर एकबार फिर से भरोसा किया है। राजद को परंपरागत माय समीकरण के साथ सत्तारूढ़ नीतीश व केंद्र सरकार विरोधी वोट के भरोसे चुनावी नैया पार लग जाने का भरोसा है। बेलसंड विधानसभा सीट से 15 प्रत्याशी मैदान में हैं। यहां 53.63 फीसद लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
2020 के प्रमुख प्रत्याशी
सुनीता सिंह चौहान, जदयू
संजय कुमार गुप्ता, राजद
नसीर अहमद उर्फ लाल, लोजपा
2015 में विजेता, उप विजेता और मिले मत
सुनीता सिंह चौहान (जेडीयू) : 33,785
नासिर अहमद (लोजपा) : 28,210
2010 में विजेता, उप विजेता और मिले मत
सुनीता सिंह चौहान (जदयू) : 38139
राघवेंद्र कुमार सिंह (लोजपा) : 18,559
2005 (अक्टूबर) में विजेता, उप विजेता और मिले मत
संजय कुमार गुप्ता (राजद) : 30,899
सुनीता सिंह चौहान (कांग्रेस) : 29,516
2005 ( फरवरी) में विजेता, उप विजेता और मिले मत
सुनीता सिंह चौहान (लोजपा) : 28,958
राम स्वार्थ राय (राजद) : 21753
कुल वोटर : 2,65,252
पुरुष वोटर : 1,40,927 (53.07%)
महिला वोटर : 1,24,323 (46.81%)
ट्रांसजेंडर वोटर : 2 (0.007%)
जीत का गणित
जहां तक इस विधानसभा क्षेत्र के कुल मतदाता का प्रश्न है तो 2020 में यहां कुल 2 लाख 65 हजार 252 मतदाता हैं। यहां सवर्ण समाज खास कर राजपूत जाति का वर्चस्व रहा है। साथ ही मुस्लिम समुदाय निर्णायक भूमिका में रहता है। राजद का माय समीकरण फिर से फिट बैठता है तो इस सीट पर एनडीए को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। चुनाव में मोदी फैक्टर के साथ वैश्य व अगड़ी-पिछड़ी जाति का वोट भाजपा की नैया पार लगा सकता है, जो उसका आधार वोट है।
प्रमुख मुद्दे
1. मनुषमारा नदी के पानी से सैकड़ों एकड़ भूमि पर सालोंभर जलमाव रहता है। जिससे कोई फसल नहीं उगती।
2. चंदौली घाट पर पुल का निर्माण अभी तक अधूरा है।
3. यह बाढ़ प्रभावित क्षेत्र भी है उस हिसाब से बचाव के लिए अभी तक मुकम्मल इंतजाम नहीं हो सका है।