Bihar Assembly Election 2020: सीमांचल में सड़कों की बदहाली बता रही विकास की कहानी
सीमांचल के लौटा पंचायत के चरकपाड़ा गांव को जोडऩे वाली एक मात्र कच्ची सड़क है। गांव के बीचोंबीच होकर गुजरने वाली यह सड़क विकास के इस दौर में भी दयनीय स्थिति में है। इस सड़क से गुजरना मुश्किलों भरा है।
किशनगंज, जेएनएन। विकास के इस दौर में भी गांव को जोडऩे वाली कच्ची सड़कें अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। लोगों को आवाजाही करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बरसात की तो बात छोड्ए सुखाड़ में भी गांव तक पहुंचाना इतना आसान नहीं होता।
लौचा पंचायत के चरकपाड़ा निवासी नवाज शरीफ, अकबाल हुसैन, अली अबुजर आलम, इफ्तेखार आलम, मंजूम रब्बानी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि लौटा पंचायत के चरकपाड़ा गांव को जोडऩे वाली एक मात्र कच्ची सड़क है। गांव के बीचोंबीच होकर गुजरने वाली यह सड़क विकास के इस दौर में भी दयनीय स्थिति में है।
इस सड़क से गुजरना मुश्किलों भरा है। परेशानी उस समय बढ़ जाती है जब अचानक जरूरत पडऩे पर चार चक्का वाहन से निकलना पड़े। वैसे समय पर कोई वाहन लेकर आना भी नहीं चाहता। इस सड़क को बनाने के लिए ग्रामीणों ने कई दफे गुहार लगाया गया लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। नवाज शरीफ बताते हैं कि इस मुख्य सड़क से होकर ही बूथ संख्या 132 चरकपाड़ा मदरसा व बूथ संख्या 133 छोटा लौचा चरकपाड़ा लौचा स्कूल में मतदान कर्मी मतदान कराने आएंगे। बीच बीच में पेटोलिंग के लिए भी वाहनों का आना जाना लगा रहेगा। ऐसी स्थिति परेशानी का कारण बन सकता है। सड़क के दुर्दशा को लेकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी है।
सड़क को बनाने के लिए कई बार लिखित शिकायत कर चुके हैं लोग
लौचा पंचायत के चरकपाड़ा गांव के लोग चरकपाड़ा गांव को जोडऩे वाली सड़क के निर्माण को लेकर लंबे समय से मुखर हैं। वे कई बार इसकी लिखित शिकायत भी कर चुके हैं। लेकिन, इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे यहां के लोगों में आक्रोश गहराता जा रहा है। गांव के लोग बताते हैं किइस मुख्य सड़क से होकर मतदान केंद तक भी आसानी से नहीं पहुंचा जा सकता है।