Bihar Assembly Election 2020: भारत-नेपाल की बंद सीमा से प्रभावित होगा सीमांचल में मतदान प्रतिशत
भारत-नेपाल सीमा के बंद रहने से इस बार मतदान प्रतिशत प्रभावित होगा। नेपाल में रहनेवाले यहां के मतदाता चुनाव के समय यहां आकर अपने मताधिकार का प्रयोग करते रहे हैं। इस बार वे आसानी से नहीं आ पाएंगे।
अररिया [दीपक गुप्ता]। भारत-नेपाल सीमा पर बसे सिकटी विधानसभा क्षेत्र के लोग सीमा पार के इलाकों में बेरोकटोक आवाजाही करते रहे हैं। यहां के हजारों लोग रोजी-रोटी के लिए नेपाल में रहते हैं। यही हाल सीमा के उस पार के लोगों का भी है। नेपाल में रहनेवाले यहां के मतदाता चुनाव के समय यहां आकर अपने मताधिकार का प्रयोग करते रहे हैं।
इस बार कोरोना व अन्य कारणों को लेकर सीमा बंद कर दी गई है। इससे आवाजाही बाधित हो रही है। इस कारण चुनाव में मतदान प्रतिशत भी प्रभावित होनेे का अंदेशा है। हर चुनाव में बॉर्डर सील की जाती है, लेकिन इस बार मार्च के अंत से ही सीमा सील है। पहले लोग बॉर्डर सील होने से पूर्व यहां आते थे और मतदान कर वापस लौट जाते थे। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बावजूद अभी तक सिकटी विधानसभा से लगने वाली सीमा बंद है। सात नवंबर को मतदान होने हैं। अररिया जिले के सिर्फ जोगबनी बॉर्डर से आवाजाही पिछले कुछ दिनों से शुरू हुई है। सिकटी विधानसभा क्षेत्र से लगने वाली नेपाल की सीमा लगभग 38 किलोमीटर है। जोगबनी छोड़ अन्य किसी भी सीमा से आने-जाने की अनुमति प्राप्त नहीं है। बार्डर की सुरक्षा में एक तरफ नेपाल एपीएफ के जवानों की तैनाती है तो भारतीय क्षेत्र से एसएसबी निगहबानी कर रही है। सिकटी विधानसभा क्षेत्र के करीब 10 से 15 फीसद लोगों की रिश्तेदारी नेपाल में है। एसएसबी के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसएसबी अधिकारियों व नेपाल एपीएफ अधिकारियों के साथ लगातार सीमा की गतिविधियों को लेकर बैठक हो रही है। इसमें 27 अक्टूबर से सिकटी विधानसभा क्षेत्र की सीमा कुछ दिनों के लिए खुलने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन दोनों देश के अधिकारी सीमा खुलने के विषय में किसी तरह की पुष्टि नहीं कर रहे हैं। कुआड़ी निवासी युगल गुप्ता के भाई ङ्क्षपकू गुप्ता नेपाल में काम करते हैं। वे बताते हैं कि हर बार पिंकू यहां आकर मतदान करता रहा है, लेकिन इस बार इसमें संशय है। सीमा से सटे कुआड़ी, कुर्साकांटा, सिकटी, बरदाहा, सुंदरी, डुमरिया, सोनामनी गोदाम, मजरख, सैदाबाद, आमबाड़ी, बारूदह आदि दर्जनों गांवों के लगभग ढाई हजार लोग नेपाल के सुनसरी, मोरंग आदिकई जिलों में काम करते हैं।
चुनाव को ले सीमा खोलने संबंधी किसी तरह का निर्देश प्राप्त नहीं है। विभागीय वरीय अधिकारी से मिले दिशानिर्देश पर काम किया जा रहा है। एसएसबी के जवान पूरी मुस्तैदी से चौकसी कर रहे हैं। - वीके वर्मा, कमांडेंट, एसएसबी 52 वीं बटालियन।