Bihar Assembly Election 2020: पहले टमटम व जीप से होता था चुनाव प्रचार, 1996 में दो लाख खर्च कर बने थे भोला यादव विधायक
अब साधारण लोगों के लिए राजनीति नहीं रही है। अब पैसे के बल पर चुनाव लड़ा जाता है। 80 वर्षीय भोला यादव ने कहा कि आज भ्रष्टाचार का बोलबाला कायम है। भोला ने 1985 में पहली बार पार्टी लोकदल से चुनाव लड़ा था।
बांका [बिजेन्द्र कुमार राजबंधु]। भोला यादव 1996 में कटोरिया विधानसभा सीट जीतकर विधायक बने थे। साढ़े तीन साल तक विधायक रहे भोला यादव ने कहा कि उनका टिकट एक साजिश के तहत काट दिया गया था। इस कारण वे दोबारा विधायक नहीं बन सके थे। उनका कहना है कि अब साधारण लोगों के लिए राजनीति नहीं रही है। अब पैसे के बल पर चुनाव लड़ा जाता है। इस कारण जनता को अच्छे जनप्रतिनिधि नहीं मिल पाते हैं।
विधायक गिरिधारी यादव उस वक्त पहली बार चुने गए थे सांसद
उस वक्त विधायक गिरिधारी यादव के पहली बार सांसद बनने पर कटोरिया में उपचुनाव हुआ था। उस समय लालू प्रसाद ने जनता दल (अब राष्ट्रीय जनता दल) से टिकट दिया था। महज दो लाख रुपये खर्च कर भोला विधायक बने थे। साढ़े तीन साल विधायक रहने के बाद पुन: उन्हें टिकट नहीं दिया गया। सांसद पद से हारने के बाद पुन: गिरिधारी यादव कटोरिया से विधायक बनेे। अभी वे बांका के सांसद हैं।
1985 में पहली बार कर्पूरी ठाकुर की पार्टी लोकदल से चुनाव लड़े थे भोला
80 वर्षीय भोला यादव ने कहा कि आज भ्रष्टाचार का बोलबाला कायम है। इसके लिए किसी न किसी रूप से जनता भी दोषी हैं। भोला ने कहा कि उन्होंने 1985 में पहली बार कर्पूरी ठाकुर की पार्टी लोकदल से चुनाव लड़ा था। उस समय उन्हें छह हजार मतों से कांग्रेस के सुरेश यादव ने चुनाव हराया था। उस समय आज की तरह लग्जरी गाडिय़ां नहीं होती थी। जीप व टमटम से चुनाव प्रचार होता था। गांव घर में सड़क नहीं होने से पैदल ही चलकर विधायक जनता से मिलते थे। आज चुनाव में करोड़ों का खर्च हो रहा है। इस कारण साधारण लोग चुनाव नहीं जीत रहे हैं। जितना लोग चुनाव में खर्च करते हैं, वे निकालने में रहते हैं। इस कारण अच्छे जनप्रतिनिधि नहीं मिल पाते हैं।