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Bihar Election 2020: नीतीश का 'बिहारी स्‍वाभिमान' और लालू का 'बचवा ठगा गया' ...चंद लाइनें ही याद दिला देतीं कि भाषण किसका है

- पासवान सुनाते थे लंबी कविता और चुनिंदा शायरी Bihar Assembly Election 2020 बीते दिनों के चुनाव में लालू प्रसाद यादव के भाषण हमेशा नया कैचवर्ड गढ़ देते थे। वर्तमान की बात करें तो मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार बिहारी स्वाभिमान की बात करते रहते हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 10:58 AM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 10:58 AM (IST)
Bihar Election 2020: नीतीश का 'बिहारी स्‍वाभिमान' और लालू का 'बचवा ठगा गया' ...चंद लाइनें ही याद दिला देतीं कि भाषण किसका है
मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार एवं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव। फाइल तस्‍वीर।

पटना, भुवनेश्वर वात्स्यायन। Bihar Assembly Election 2020: एक समय संसद में अपने संबोधन के दौरान रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के नारे को बड़े विस्तार से सुनाया था। साठ के दशक के ये नारे खूब चले थे- 'बिहार में-संसोपा ने बांधी गांठ; पिछड़ा पावे सौ में साठ; जीना है तो मरना सीखो, कदम-कदम पर लड़ना सीखो; बिड़ला हो या गरीब का बेटा सब की शिक्षा एक समान।' रामविलास जिस समय संसद में यह बता रहे थे, उस वक्त इन नारों की उम्र 50 से 55 वर्ष हो चुकी थी। इसके बाद भी यह जुबान पर चढ़ी थीं। पर हाल के दिनों में पेशेवरों द्वारा गढ़े नारे लोगों की जुबान चढ़ नहीं रहे हैं। वैसे काफी शोध के बाद नए नारे बनते रहे हैं। पर एक परिवर्तन यह जरूर हुआ है कि दिग्गजों के संबोधन को अगर आप कहीं भी बगैर किसी के नाम का उल्लेख के भी पढ़ेंगे तो सहजता से यह बता सकने की स्थिति में होंगे कि वह किसकी बात है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का संबोधन हो तो 'बिहारी कहलाना अपमान नहीं सम्मान का विषय होगा' जरूर आता है। बीते चुनाव में राष्‍ट्रीय जनता दल RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की यह बात कि 'बचवा सब ठगा गया, कहता था-मम्मी अच्छे दिन, पंद्रह लाख' भी आपको याद ही होगा।

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नीतीश कहते हैं 'बिहारी कहलाना सम्मान का विषय'

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोई नारा तो नहीं गढ़ पर उनके संबोधन में यह हिस्सा आता है कि हम ऐसा काम करेंगे कि बिहारी कहलाना अपमान नहीं सम्मान का विषय होगा तो लोग सहज यह समझ जाते हैं कि अब उनका संबोधन खत्म होने को है। इसी देश की हर थाली में बिहार का एक व्यंजन हो, यह भी नीतीश कुमार के भाषण में खूब आता रहा है।

रामविलास के संबोधन में भी यह था अनिवार्य हिस्सा

दिवंगत हो चुके रामविलास पासवान के संबोधन में भी कुछ ऐसे अंश रहा करते थे जो अनिवार्य रूप से प्राय: सभी सभाओं में वह कहते थे। इनमें यह था- 'हम इस घर में दिया जलाने चले हैं, जहां सदियों से अंधेरा है।' जिस समय भाजपा से वह अलग हुए थे, उस समय बोला करते थे-'उस बाग का माली अच्छा होता है, जिसमें सभी तरह के फूल खिलें।' अपने संबोधन में वह रश्मिरथी की पंक्तियों को भी पढ़ते थे।

लालू का- मम्मी अच्छे दिन, बचवा सब ठगा गया

लालू प्रसाद इस चुनाव में नहीं होंगे पर उनके चुनाव प्रचार का अंदाजा अनूठा रहा है। उनके संबोधन के कुछ हिस्से खूब चर्चा में रहे। महागठबंधन के लिए पिछली बार जब चुनाव प्रचार चल रहा था तो वह कहते थे-'बचवा सब ठगा गया, कहता था-मम्मी अच्छे दिन, पंद्रह लाख।' गांधी मैदान की स्वाभिमान रैली में प्याज की कीमत पर उन्होंने जिस अंदाज में बात की वह आज भी चर्चित है। वह कहते हैैं-मोदी जी ने जिस अंदाज में बिहार के लिए पैकेज घोषित किया उसी अंदाज में प्याज की कीमत भी तय कर दी।  भाईयो एवं बहनो 40 रूपए किलो कर दूं, 60 रूपए किलो कर दूं, लो 80 रुपए किलो कर दिया।


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