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साल भर में बढ़े 55,900 मतदाता, मतदान फीसद बढ़ाना चुनौती

बिहारशरीफ। नालंदा जिले में साल भर में 55900 मतदाता बढ़ गए हैं। पिछले साल 22 मई को हुए लोकसभा चुनाव के समय जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 2114809 थी। अभी यह संख्या बढ़कर 2170709 पहुंच गई है।  ऐसे में इस विधानसभा चुनाव में मतदान दर बढ़ाना न सिर्फ एक बड़ा सवाल है बल्कि स्वीप अभियान से जुड़े अधिकारियों कर्मियों एवं समाजसेवियों के लिए बड़ी चुनौती भी है। हालांकि पहले चरण में जहां वोट पड़े वहां के आंकड़े बता रहे हैं कि कोरोना के डर के बावजूद संतोषजनक पोल रेट रहा। नालंदा में 3 नवंबर को दूसरे चरण में मतदान होना है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 07:19 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 07:19 PM (IST)
साल भर में बढ़े 55,900 मतदाता, मतदान फीसद बढ़ाना चुनौती

बिहारशरीफ। नालंदा जिले में साल भर में 55,900 मतदाता बढ़ गए हैं। पिछले साल 22 मई को हुए लोकसभा चुनाव के समय जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 21,14,809 थी। अभी यह संख्या बढ़कर 21,70,709 पहुंच गई है। 

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ऐसे में इस विधानसभा चुनाव में मतदान दर बढ़ाना न सिर्फ एक बड़ा सवाल है बल्कि स्वीप अभियान से जुड़े अधिकारियों, कर्मियों एवं समाजसेवियों के लिए बड़ी चुनौती भी है। हालांकि पहले चरण में जहां वोट पड़े, वहां के आंकड़े बता रहे हैं कि कोरोना के डर के बावजूद संतोषजनक पोल रेट रहा। नालंदा में 3 नवंबर को दूसरे चरण में मतदान होना है।

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2015 में सर्वाधिक नालंदा व सबसे कम अस्थावां में हुआ था मतदान

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  याद दिला दें कि 28 अक्टूबर 2015 को हुए विधानसभा सदस्य पद के निर्वाचन में नालंदा में औसत मतदान 53 फीसद रिकार्ड हुआ था। सबसे अधिक नालंदा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में 57 फीसद तथा सबसे कम अस्थावां में 49 प्रतिशत मतदान हुआ था। बिहारशरीफ में 51, राजगीर में 54, इसलामपुर एवं हिलसा में 53-53 तथा हरनौत में 54 फीसद वोट पड़े थे।

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लोकसभा चुनाव में लग्न बनी थी कम मतदान की वजह

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पिछले साल लोकसभा के लिए हुए चुनाव में जिले का औसत मतदान 48.81 फीसद ही रहा था। जबकि स्वीप आइकॉन आशुतोष कुमार मानव ने भीषण गर्मी में भी जीतोड़ मेहनत की थी। बीते लोक सभा चुनाव में कम मतदान की एक वजह शादियों के लग्न को भी माना गया था। इस बार धन कटनी का जोर है।

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इस बार धनकटनी है चुनौती : मानव

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जिला स्वीप आइकॉन आशुतोष कुमार मानव हर प्रखण्ड में जाकर जीविका दीदियों, आंगनबाड़ी  सेविकाएं तथा सहायिका, विकास मित्र, टोला सेवक आदि को प्रेरित कर शत प्रतिशत मतदान करवाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। सोशल मीडिया की भी मदद ली जा रही है। कोविड गाइडलाइन का फॉलो करते हुए स्वीप यानी सिस्टमेटिक वोटर एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टीशिपेशन अभियान को तेज कर दिया गया है। स्वीप आइकॉन मानव ने बताया कि खेत-खलिहान में जाकर भी मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है। धनकटनी जोर पकड़ लिया है। पोल रेट बढ़ाना बड़ी चुनौती है।

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हरनौत में सर्वाधिक बढ़े मतदाता, राजगीर में सबसे कम

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साल भर में सबसे अधिक मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हरनौत विधानसभा क्षेत्र में हुई है। यहां 9328 वोटर बढ़ गए हैं। सबसे कम राजगीर में 5,364 मतदाता बढ़े हैं। अस्थावां में 6959, बिहारशरीफ में 8753,इसलामपुर में 8644, हिलसा में 7752 एवं नालंदा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 9100 मतदाता बढ़ गए हैं।


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