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Chenari Election 2020 : चेनारी विधानसभा सीट से 15 प्रत्‍याशी मैदान में जदयू के बागी प्रत्‍याशी बिगाड़ सकते हैं समीकरण

Chenari Election News 2020 चेनारी विधानसभा सीट से 15 प्रत्‍याशी मैदान में हैं। यहां जदयू के दो बागी इस बार लोजपा और बसपा के प्रत्‍याशी बनकर मैदान में खड़़े हैं। इस कारण यहां का मुकाबला रोचक हो गया है। वनवासियों के मुद्दे यहां प्रमुख हैं।

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 04:52 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 09:35 PM (IST)
Chenari Election 2020 : चेनारी विधानसभा सीट से 15 प्रत्‍याशी मैदान में जदयू के बागी प्रत्‍याशी बिगाड़ सकते हैं समीकरण
बिहार विधानसभा चुनाव में चेनारी सीट के प्रत्‍याशी।

रोहतास, जेएनएन। नौहट्टा, रोहतास, चेनारी व शिवसागर प्रखंड के उत्तरी भाग को मिलाकर चेनारी सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र का गठन किया गया है। कुल 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हैं। यहां की लड़ाई रोचक  हो गई है। जदयू के दो बागी दूसरे दलों से प्रत्याशी बन गए हैं। 2015 के चुनाव में एनडीए की तरफ से रालोसपा प्रत्याशी ललन पासवान चुनाव जीते थे। इस बार वे जदयू के चेहरे के तौर पर मैदान में हैं। उनका मुकाबला उपचुनाव में बाजी मार चुके कांग्रेस के मुरारी गौतम से है। वहींं लोजपा ने जदयू की टिकट पर दो बार मोहनिया से चुनाव लड़े चंद्रशेखर पासवान को टिकट दे चुनावी लड़ाई को धारदार बना दिया है। जदयू के ही बागी पूर्व विधायक श्यामबिहारी राम बसपा से मैदान में हैं। यहां वनवासियों को रोजगार और पहाड़ी इलाके में बिजली-पानी की गंभीर समस्या लंबे समय से मुद्दे में शामिल है।

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ललन पासवान 2005 में जदयू की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में जदयू छोड़ वे राजद में शामिल हो गए। लेकिन चुनाव में सफलता नहीं मिली। वर्ष 2010 में जदयू के श्याम बिहारी राम को जीत मिली थी। ललन पासवान 2015 में रालोसपा के टिकट पर विधायक बने। कभी समाजवादियों व कांग्रेसियों का गढ़ रहे रोहतास जिले में अब जातिवाद व विकास की बात होती है। इस विधानसभा का गठन 1962 में हुआ था. अब तक हुए चुनावों में से 5 बार कांग्रेस का कब्जा रहा है। तीन बार जदयू और एक बार राजद प्रत्याशी जीते हैं।

नक्‍सल प्रभावित इलाके के बूथ पर 20 साल बाद हुआ मतदान

नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र के कैमूर पहाड़ी पर बसे कई गांवों में बने बूथ पर 20 वर्ष बाद विधानसभा के लिए बुधवार को वोट डाला गया। पहले यहां का मतदान केंद्रों को सुरक्षा कारणों से मैदानी भागों में स्थानांतरित किया जाता था। पहाड़ी पर बसे रेहल, शोली, नागाटोली, बभनतालाब, धनसा व तारडीह बूथ पर दो दशक बाद मतदान कराया गया। शोली बूथ पर कोरहास व पीपरडीह बूथ को स्थानांतरित कर दिया गया था। वहीं कुरियारी को तार डीह बूथ पर , बुधुआ को मध्य विद्यालय धनसा केंद्र पर स्थानांतरित कर दिया गया था।

अबतक बने विधायक

1962 गोविंद राम                  कांग्रेस

1967 छठू राम                       कांग्रेस

1969 छठू राम                       कांग्रेस

1972 रामवचन पासवान             हिंदुस्तानी शोषित दल

1977 रामवचन पासवान             जनता पार्टी

1980 दूधनाथ पासवान              कांग्रेस

1985 छेदी पासवान                 लोकदल

1990 जवाहर पासवान             जनता दल

1995 जवाहर पासवान            जनता दल

2000 छेदी पासवान              राजद

2005 फरवरी ललन पासवान    जदयू

2005 अक्टूबर ललन पासवान   जदयू

2009 उपचुनाव मुरारी प्रसाद गौतम कांग्रेस

2010 श्याम बिहारी राम         जदयू

2015 ललन पासवान            रालोसपा


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