Valmiki Nagar Lok Sabha Bypoll: देश की नंबर वन संसदीय पिच पर भोला राउत ने खेली थी लंबी पारी
Valmiki Nagar Lok Sabha Bypoll वाल्मीकिनगर से 1977 में कांग्रेस विरोधी लहर में स्वतंत्र जनता पार्टी के जगन्नाथ प्रसाद से मिली थी हार। 1980 और 1984 में भोला राउत की वापसी इसके बाद कांग्रेस को नहीं मिली जीत।
पश्चिम चंपारण [सुनील आनंद]। बिहार विधानसभा चुनाव के साथ देश के नंबर वन संसदीय क्षेत्र वाल्मीकिनगर में उपचुनाव होना है। यहां सात नवंबर को वोट डाले जाएंगे। एनडीए में यह सीट जदयू के खाते में है। पार्टी ने दिवंगत पूर्व सांसद वैद्यनाथ प्रसाद महतो के पुत्र सुनील कुमार को मैदान में उतारा है। हालांकि, महागठबंधन की ओर से अभी तक उम्मीदवार तय नहीं हुआ है। संभावित उम्मीदवार दिल्ली दरबार में डेरा डाले हैं। वर्ष 1952 से 2008 तक यह बगहा (आरक्षित) संसदीय क्षेत्र के रूप में रहा। इसके बाद वाल्मीकिनगर क्षेत्र हो गया।
तब के बगहा और अब के वाल्मीकिनगर से बतौर सांसद सबसे लंबी पारी कांग्रेस के भोला राउत ने खेली। वर्ष 1977 में कांग्रेस विरोधी लहर में जनता पार्टी के जगन्नाथ प्रसाद स्वतंत्र से मिली हार को छोड़ दें तो 1952 से लेकर 1989 तक वे सांसद रहे।
1989 में बदला मतदाताओं का मिजाज
वर्ष 1989 के आम चुनाव में मतदाताओं का मिजाज बदल गया। महेंद्र बैठा नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे। क्षेत्र में कोई खास जान-पहचान या राजनीतिक अनुभव नहीं था। जनता दल ने उन्हेंं अपना उम्मीदवार बनाया। लेकिन, परिणाम हैरान करनेवाला रहा। उन्होंने लगभग तीन दशक तक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करनेवाले भोला राउत को पराजित कर दिया। महेंद्र को 2,32,362 मिले, जबकि भोला को 1,44,330 मतों से संतोष करना पड़ा था। महेंद्र बैठा ने जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश की। वाल्मीकिनगर से लेकर सिकटा मैनाटांड़ तक नेपाल के तराई इलाके में बसे थारू को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलाने में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। एक बार चुनाव जीतने के बाद उनका इस कदर प्रभाव हुआ कि लगातार पांच बार सांसद बने। वर्ष 1989 के बाद यहां के वोटिंग ट्रेंड में बदलाव आया।
बगहा (सु) और 2008 के परिसीमन बाद वाल्मीकिनगर संसदीय सीट से अब तक के सांसद :
1952 : भोला राउत (कांग्रेस)
1957 : भोला राउत (कांग्रेस)
1962 : भोला राउत (कांग्रेस)
1967 : भोला राउत (कांग्रेस)
1971 : भोला राउत (कांग्रेस)
1977 : जगन्नाथ स्वतंत्र (जनता पार्टी)
1980 : भोला राउत (कांग्रेस)
1984 : भोला राउत (कांग्रेस)
1989 : महेंद्र बैठा (जनता दल)
1991 : महेंद्र बैठा (जनता दल)
1996 : महेंद्र बैठा (समता पार्टी)
1998 : महेंद्र बैठा (समता पार्टी)
1999 : महेंद्र बैठा (समता पार्टी)
2004 : कैलाश बैठा (जदयू)
2009 : वैद्यनाथ महतो (जदयू)
2014 : सतीश चंद्र दुबे (भाजपा)
2019 : वैद्यनाथ महतो (जदयू)