जोरहाट को माजुली से जोड़ने वाला पुल बनवाने की मांग पर स्थानीय निवासी, असम में चुनावी सरगर्मी तेज
माजुली विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय तक असम गण परिषद या कांग्रेस का गढ़ रही है। ऐसे में इस सीट से जीत दर्ज करना सभी पार्टियों के बीच कठिन मुकाबला हो सकता है। फिलहाल जोरहाट को माजुली से जोड़ने वाला पुल ना होने के चलते लोगों को काफी दिक्कत है।
दिसपुर, एएनआइ। इस साल असम विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी अभियान शुरू हो चुका है। सभी पार्टियां चुनावी प्रचार में जुटी हुई हैं। यहां पर माजुली सीट (Majuli Assembly Seat Assam) पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। पिछले चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सर्वानंद सोनोवाल ने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी। जानकारी के लिए बता दें कि सोनोवाल की जीत के पहले माजुली विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय तक असम गण परिषद या कांग्रेस का गढ़ रही है। ऐसे में इस सीट से जीत दर्ज करना सभी पार्टियों के बीच कठिन मुकाबला हो सकता है। फिलहाल जोरहाट को माजुली से जोड़ने के लिए पुल के अभाव से लोग काफी परेशान हैं। स्थानीय लोगों को पुल ने होने के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने की पुल बनवाने की मांग
जिज्ञासु और हरिशंकर नाम के स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर पुल ना होने के चलते उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगातार यहां पर ट्रांसपोर्ट की परेशानी हो रही है। कभी-कभी लोग यहां पर सही समय पर नहीं पहुंच पाते हैं। फिलहाल लोगों को यहां पर पहुंचने के लिए बोट का सहारा लेना पड़ता है। इसके साथ ही लोगों ने यहां पुल बनाने की मांग की है।
27 मार्च से होगा चुनाव
बता दें कि ब्रह्मपुत्र नदी के द्वीप माजुली की विधानसभा सीट लखीमपुर लोकसभा क्षेत्र में आती है। माजुली में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान का रिकॉर्ड रहा है, जबकि यहां के कई क्षेत्रों में नावों से भी आना-जाना हो पाता है। असम में 126 विधानसभा सीटें हैं। असम में तीन चरणों के चुनाव का पहला दौर 27 मार्च को होगा। बता दें कि माजुली सीट पर चुनाव भी पहले चरण में होना है।