इराक में लापता 39 भारतीयों की मौत की खबर झकझोरने वाली है। खासकर पंजाब के लिए यह बेहद दर्दनाक है, क्योंकि इनमें 27 पंजाब के थे। अब तक भारत सरकार की ओर से इनके परिजनों को यह आश्वासन दिया जा रहा था कि सभी भारतीय सुरक्षित हैं, लेकिन मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से इन सभी के मारे जाने की सूचना देने के बाद परिजनों की उम्मीदों पर तुषारापात हो गया। इराक की एक सरकारी कंपनी की परियोजना में काम करने वाले इन भारतीयों के अगवा होने का मामला गत चार वर्षो से रहस्य बना हुआ था। इसे लेकर भारत सरकार की तरफ से सदन के अंदर और बाहर बयान दिए गए, जिसमें यही बताया गया कि सभी सुरक्षित हैं। अब जबकि डीएनए रिपोर्ट से इनकी मौत की पुष्टि हो चुकी है तब आवश्यकता इस बात की है कि केंद्र व राज्य सरकार मिलकर इनके परिजनों को ढांढस बंधाए और इनकी हरसंभव सहायता की जाए।

यह ठीक है कि जो क्षति इन्होंने उठाई है उसकी भरपाई नहीं की जा सकती है, लेकिन परिजनों को इतना हौसला और मदद जरूर दी जा सकती है, जिससे वे खुद को संभाल सकें। यह घटना दिल तोड़ने वाली तो है ही, साथ ही कई सबक भी सिखाने वाली है। एक तरफ जहां भारत सरकार को विदेश में कार्यरत भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और सजग होने की आवश्यकता है, वहीं धन कमाने के लिए विदेश जाते समय भी कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है। प्रदेश के युवाओं में विदेश का मोह बहुत गहराई तक पैठ कर चुका है, इससे बचना होगा। साथ ही, प्रदेश व केंद्र सरकार को रोजगार के इतने साधन सृजित करने होंगे, ताकि देश में ही सभी को उचित रोजगार उपलब्ध हो सके। इससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए किसी अन्य देश की तरफ नहीं देखना पड़ेगा।

[ स्थानीय संपादकीय: पंजाब ]