केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जो तय किया कि 10 राज्यों के 38 जिलों में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए घर-घर सर्वे किया जाएगा वह वक्त की जरूरत है। अच्छा होता कि इस तरह का फैसला और पहले ही ले लिया गया होता। कम से कम अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और साथ ही राज्य सरकारों और संबंधित जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस अभियान पर अमल सही तरीके से हो और ऐसे सभी लोगों का परीक्षण किया जाए जिनके बारे में तनिक भी यह संदेह हो कि वे कोरोना की चपेट में आ गए होंगे।

कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए यही एक कारगर तरीका है कि संभावित संक्रमित व्यक्तियों की पहचान की जाए और उन्हें अन्य लोगों से अलग-थलग किया जाए। यह एक कठिन काम है, क्योंकि एक बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जिनमें कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखते। इस कठिनाई का सामना करना ही होगा, क्योंकि इसके अलावा संक्रमण का फैलाव रोकने का और कोई उपाय भी नहीं।

कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए जितनी सक्रियता केंद्र, राज्य सरकारों और उनकी विभिन्न एजेंसियों को दिखाने की जरूरत है उतनी ही सक्रियता और सजगता का परिचय आम लोगों को भी देने की आवश्यकता है। इसलिए और भी, क्योंकि लगभग ढाई लाख से अधिक मामले सामने आने और सात हजार से ज्यादा मौतें हो जाने के बावजूद तमाम लोग न तो शारीरिक दूरी के नियम के प्रति सचेत दिख रहे हैं और न ही मास्क के इस्तेमाल को लेकर। यह हैरानी की बात है कि उन जिलों में भी इस तरह की लापरवाही दिख रही है जिनमें कोरोना संक्रमितों की ठीक-ठाक संख्या है।

यह सही है कि अपने देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ने के साथ ही बड़ी संख्या में लोग ठीक भी हो रहे हैं और मृत्यु दर भी कम है, लेकिन इस दर को और कम करने की जरूरत है। जब इस जरूरत की पूर्ति होगी तभी कोरोना संक्रमण से ग्रस्त लोगों की बढ़ी संख्या वाले ग्राफ को नीचे लाने में सफलता मिलेगी। केंद्र और राज्य सरकारें इसकी अनदेखी नहीं कर सकतीं कि जब तक कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते दिखते रहेंगे तब तक कारोबारी गतिविधियों को बल देने में मुश्किलें पेश आती रहेंगी। चूंकि स्वास्थ्य राज्य सरकारों का विषय है इसलिए उन्हें अपने स्वास्थ्य ढांचे को दुरुस्त करने पर भी अतिरिक्त ध्यान देना होगा। ऐसा करते हुए उन्हें कोरोना संक्रमण को रोकने में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों के मनोबल को ऊंचा बनाए रखने के भी जतन करने होंगे। अच्छा यह होगा कि जो भी लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में किसी भी तरह से सक्रिय हैं उन सभी को प्रोत्साहित किया जाए।