मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में निवेश लाने के लिए प्रयास करती रही हैं। प्रत्येक वर्ष कोलकाता में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर का उद्योग सम्मेलन करने के साथ वह कई बार विदेश दौरा पर भी जा चुकी हैं। देशी-विदेशी उद्योगपति पश्चिम बंगाल में भारी-भरकम उद्योग लगाने के लिए भले ही आगे नहीं बढ़े हैं लेकिन राज्य में निवेश का माहौल बना है। कम संख्या में ही सही देशी-विदेशी कुछ कंपनियों ने पश्चिम बंगाल में निवेश का प्रस्ताव सरकार को दिया है। कुछ शर्तों के साथ ही सही आइटी क्षेत्र की बड़ी कंपनी इंफोसिस पश्चिम बंगाल में निवेश करने को तैयार हुई है। ममता सरकार ने भी इंफोसिस की शर्तें मान ली जिस पर कैबिनेट की मुहर भी लग गई है। इससे राज्य में इंफोसिस के निवेश का रास्ता साफ हो गया है।
पूर्ववर्ती वाममोर्चा की सरकार के समय 2010 में ही इंफोसिस ने राज्य में निवेश की पहल की थी। कंपनी ने भूमि के लिए सरकार को 75 करोड़ रुपये दिए थे। लेकिन 2011 में जब राज्य में राजनीतिक परिवर्तन हुआ और ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी तब भी इंफोसिस कोलकाता में अपनी आइटी परियोजना लगाने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) का दर्जा हासिल करने पर डटी रही। ममता सरकार ने इंफोसिस को सेज का दर्जा देने से इन्कार कर दिया। इसे लेकर लंबे समय तक खींचतान चली। अंत में ममता सेज के बदले इंफोसिस को कुछ विशेष सुविधाएं देने को तैयार हुई। आइटी परियोजना लगाने के लिए इंफोसिस को राजारहाट न्यू टाउन में 50 एकड़ जमीन 99 वर्षों के लिए लीज पर दी गई थी। इंफोसिस की शर्त मानकर सरकार कंपनी को अधिकांश भूमि पर मालिकाना हक देने को तैयार हो गई। 51 प्रतिशत भूमि पर आइटी परियोजना लगेगी। 49 प्रतिशत भूमि को कंपनी अन्य कार्यों में इस्तेमाल कर सकती है। प्रथम चरण में इंफोसिस 100 करोड़ रुपये निवेश करेगी जिससे प्रत्यक्ष रूप से एक हजार युवकों को रोजगार मिलेगा। डेढ़ वर्ष के अंदर राज्य में इंफोसिस की आइटी परियोजना शुरू हो जाएगी। सरकार ने भूमि पर मालिकाना हक देने के साथ आइटी परियोजना लगाने के लिए कंपनी को अन्य भी कई सुविधाएं और छूट दी है। जाहिर है कोई भी कंपनी निवेश करेगी तो वह पहले अपना मुनाफा देखेगी। इंफोसिस को अपने हित की सुरक्षा की गारंटी मिली तो वह राज्य में निवेश के लिए तैयार हो गई। इससे उद्योग जगत में अच्छा संकेत गया है।

हाईलाइटर:: (देशी-विदेशी उद्योगपति पश्चिम बंगाल में भारी-भरकम उद्योग लगाने के लिए भले ही आगे नहीं बढ़े हैं लेकिन राज्य में निवेश का माहौल बना है।)

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]