नई सी है यह जिंदगी
अकसर कॉलेज लाइफ स्टार्ट होते ही यंगस्टर्स खुद को बहुत मच्योर समझने लगते हैं जबकि हकीकत उससे जुदा होती है। अगर उन्हें सही गाइडेंस मिलती रहे तो वेअपनी ग्रूमिंग के लिए इस समय का भरपूर फायदा उठा सकते हैं।
नई उम्र, नया सेशन और नए दोस्त.. सब कुछ कितना नया सा है न? कॉलेज लाइफ में एंटर करने के साथ ही शॉपिंग और मेकओवर तो हो चुका होगा, आखिर स्टाइल आइकॉन बन सबको इंप्रेस जो करना है। अब पढ़ाई और दूसरी ज़रूरी चीज़ों पर भी थोड़ा फोकस कर लिया जाए। ज़रा सा भी भटकाव करियर व पर्सनैलिटी के लिहाज़ से गलत साबित हो सकता है।
मेक न्यू फ्रेंड्स
कॉलेज के इंट्रोडक्टरी सेशन से स्टूडेंट्स की आपस में अच्छी दोस्ती होना स्वाभाविक है। अपने क्लासमेट्स को समझने के लिए यह मौका बहुत अच्छा होता है। यूं तो दोस्ती बस हो जाती है पर फिर भी दोस्त चुनते वक्त थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। अकसर कॉलेज की फ्रेंडशिप लाइफटाइम के लिए होती है। कहते हैं कि एक इंसान को उसकी कंपनी से जाना जाता है। अपने फ्रेंड सर्कल में स्टूडियस, जोवियल, स्पोर्टी और क्रिएटिव स्टूडेंट्स को शामिल करें। इससे हर फील्ड में सबको एक्सेल करने में मदद मिलेगी।
एंजॉय टु अ लिमिट
स्कूल से कॉलेज लाइफ में एंटर करते ही स्टूडेंट्स आज़ाद महसूस करने लगते हैं। अगर कोई रोकटोक न हो तो क्लासेज़ बंक करना भी इनकी आदत में शुमार हो जाता है। एंजॉय करना अच्छी बात होती है पर ऐसे एंजॉयमेंट से स्टडीज़ पर नेगटिव इफेक्ट पड़ सकता है। माना कि आप बहुत इंटेलीजेंट हैं और सेल्फ स्टडी पर फोकस करते हैं पर प्रोफेसर्स के लेक्चर्स मिस करने में आप कोई समझदारी नहीं दिखा रहे हैं। कई बार क्लासेज़ में ऐसी बातें निकल कर आती हैं जिनका फायदा आपको अपना करियर संवारने में मिलता है।
स्टाइल योर स्किल्स
स्टाइल में रहना तो ठीक है पर उसके साथ ही अपनी स्किल्स को बढ़ावा देना भी बहुत ज़रूरी है। टेक्नोलॉजी लगातार अपडेट हो रही है, थ्री जी से फोर जी तक का सफर कब तय कर लिया, पता भी नहीं चला। ऐसे में अगर आपने दो मिनट का भी पॉज़ ले लिया तो इस रेस में पिछड़ सकते हैं। अपने क्षेत्र से जुड़ी नई जानकारियों से खुद को अपडेट करते रहें। प्रोफेसर्स की गुड बुक्स में अपना नाम दर्ज करवाएं और सीनियर्स से टिप्स लेना भी मददगार साबित होगा। पढ़ाई के साथ ही एक्स्ट्रा-करिकुलर ऐक्टिविटीज़ में भी व्यस्त रहें।
टु गिव इज़ टु गेन
जितना बांटेंगे, उतना आपको मिलेगा। अपनी नॉलेज को दूसरों के साथ शेयर करने से वह कम नहीं हो जाएगी। आप फ्रेशर हों या सीनियर, अपने साथ वालों और जूनियर्स की मदद करने में कभी न हिचकिचाएं। आपस में नोट्स शेयर करने से अलग-अलग तरह की बातें निकल कर आती हैं। कुछ फ्रेंड्स का ग्रुप बना कर टॉपिक्स भी डिवाइड किए जा सकते हैं। जिसको जिस सब्जेक्ट या टॉपिक में इंट्रेस्ट हो, वह उसके नोट्स बना कर दूसरों को समझा सकता है। इस तरह से हर टॉपिक को आसानी से कवर किया जा सकता है।
दोस्ती और प्यार की उम्र होने के साथ ही यह करियर बनाने का भी बेस्ट फेज़ होता है। सही मायने में यहीं आपकी पर्सनैलिटी ग्रूम होती है और लाइफ के बेस्ट लेसंस भी मिलते हैं। प्रॉपर टाइम मैनेजमेंट कर हर चीज़ को बैलेंस करना बहुत ज़रूरी है।
दीपाली पोरवाल