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सही डाइट फिट लाइफ

जब हम अपने बोरिंग रुटीन को ब्रेक देने और खुशनुमा बनाने के लिए किसी रेस्टरां में डिनर पर जाते हैं तो वहां की जायकेदार रेसिपीज का लुत्फ उठाते हुए, कई बार वहां के शेफ की

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2015 03:31 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2015 03:35 PM (IST)

जब हम अपने बोरिंग रुटीन को ब्रेक देने और खुशनुमा बनाने के लिए किसी रेस्टरां में डिनर पर जाते हैं तो वहां की जायकेदार रेसिपीज का लुत्फ उठाते हुए, कई बार वहां के शेफ की $िकस्मत पर रश्क होता है। वास्तव में कैसी होती है शे$फ की लाइ$फस्टाइल? उसका प्रो$फेशन उसकी सेहत किस तरह प्रभावित करता है, जानने के लिए इस बार डीडी ने मुला$कात की शेफ से। साथ ही एक्सपर्ट की सलाह भी ली, स्वस्थ खानपान और लाइफस्टाइल के लिए।

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दिनचर्या :मैं लगभग 5 साल से शे$फ हूं। इस प्रोफेशन में खाने में तरह-तरह के प्रयोग करने का मौका तो मिलता है, साथ ही अलग-अलग क्वी$जीन को टेस्ट भी करना पड़ता है। मेरी ड्यूटी सुबह 8 से रात 11 बजे तक होती है।

ब्रेकफस्ट : सुबह 8.30 बजे मैं ब्रेकफस्ट में ओटमील, दलिया, 1 ग्लास मिल्क या जूस लेता हूं। 9.30 बजे मीटिंग होती है, जिसमें दिनभर के ऑपरेशन रिलेटेड इश्यू पर बातचीत होती है। उसके एक घंटे बाद किचन में हर क्वी$जीन का खाना, जो भी सर्व करने वाले हैं, टेस्ट करना होता है। कई बार जब हमें अलग-अलग बहुत सारी ची$जों को टेस्ट करना होता है तो हमारा ख़ुद का टेस्ट बिगड़ जाता है। कभी-कभी पेट दर्द जैसी समस्या भी होती है। अकसर खाना खाने का मन भी नहीं करता। लेकिन अब इसकी आदत बन चुकी है। इस प्रोफेशन में मेरा वेट भी बढ़ा है। हालांकि मैं अपनी सेहत का ध्यान रखता हूं। लेकिन कैंटीन में आप घर जैसा खाना तो खा सकते हैं, लेकिन घर का खाने की बात ही दूसरी होती है।

लंच : मैं 2.30-3 बजे के करीब लंच करता हूं, जिसमें आमतौर पर ग्रींस, सूप, स्टीम्ड चिकेन/ फिश, थोड़ा राइस, 2 चपाती, दही और सैलेड होता है।

स्नैक्स : शाम को मीटिंग के समय चाय/ कॉफी के साथ कुकी$ज लेता हूं।

डिनर : रात 9.30-10 बजे के बीच खाने में दाल, सब्$जी, रायता, सैलेड, चावल व चपाती होते हैं।

डॉ. शिप्रा सकलानी मिश्रा

सीनियर क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट

-रेस्टरां और होटल का खाना आम तौर पर हाई कैलरी वाला होता है।

शे$फ प्रणव के लिए यह प्रोफेशन का हिस्सा है कि उन्हें सब कुछ टेस्ट करना होता है। हालांकि टेस्टिंग में $जरा सा ही खाना होता है, लेकिन अगर दिनभर में 50 से ज्य़ादा अलग-अलग क्वी$जीन टेस्ट करने हों तो वेट कंट्रोल करना मुश्किल होता है।

-प्रणव ब्रेकफस्ट में ओटमील और दलिया लेते हैं जो अच्छी बात है लेकिन व$जन न बढ़े इसके लिए उन्हें लंच में हफ्ते में दो दिन सि$र्फ सैलेड और सूप लेना चाहिए। स्टीम्ड कुक खाना अच्छी आदत है। अलग-अलग स्वाद चखने से जीभ का स्वाद खऱाब होता जाता है। इसलिए उन्हें नीबू पानी पीना चाहिए। यह न सिर्फ स्वाद अच्छा करेगा बल्कि वेट कंट्रोल करने में भी मदद करेगा। कोलेस्ट्रॉल को कम करने में नीबू का$फी होता है।

-जहां तक हो सके डिनर में चावल यानी कार्ब डाइट अवाइड करें। अगर बहुत $जरूरी हो तो ब्राउन राइस 1/4 सर्विंग ले सकते हैं। ता$जा जूस पिएं।

-दिनभर में लिक्विड इनटेक बढ़ाएं। ताकि डाइजेस्टिव सिस्टम सही रहे। इसके अलावा हफ्ते में दो दिन नॉन वेज न खाएं।


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