फॉरेन एजुकेशन करें सपना पूरा
अकसर यंगस्टर्स जॉब या हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाने का सपना देखते हैं।
बेहतर करियर की उम्मीद में देश के बाहर मौके तलाशने में कोई हर्ज नहीं है पर कई बार नासमझी और सही सलाह के अभाव में फैसले गलत या तैयारियां अधूरी रह जाती हैं। अपनों से इतनी दूर जाने से पहले हर बात को अच्छी तरह से जान व परख लिया जाना चाहिए।
तैयारी कब और कैसे
अगर ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन लेना चाहते हैं तो 11वीं से ही अपनी तैयारियां शुरू कर दें। जिस सब्जेक्ट में आगे बढऩा चाहते हों, उस पर फोकस मज़बूत बनाए रखें। अपनी इंग्लिश को खास तौर पर इंप्रूव करें, इसके लिए इंग्लिश चैनल्स, न्यूज़पेपर्स और मैगज़ींस का सहारा ले सकते हैं। ज़्यादातर यूनिवर्सिटीज़ में एडमिशन 2 सेमेस्टर्स में होते हैं - स्प्रिंग (जनवरी) और फॉल (अगस्त)। फॉरेन एजुकेशन के लिए कुछ टेस्ट्स देने पड़ते हैं जिनकी तैयारी लगभग साल भर पहले ही शुरू कर देनी चाहिए।
कॉलेज और वीज़ा एप्लीकेशन
जिस कंट्री में आप जाना चाहते हों, उसकी सरकारी वेबसाइट पर वहां के कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट चेक करना न भूलें। शॉर्टलिस्ट करने से पहले ध्यान रखें कि आपकी पसंद का सब्जेक्ट वहां है या नहीं। कॉलेज की वेबसाइट देखने के साथ ही उससे जुड़ी तमाम वेबसाइट्स पर रिसर्च कर लें। हो सके तो वहां पढ़ चुके स्टूडेंट्स से भी बात कर रिव्यू जान लें। कॉलेज मिलते ही वीज़ा की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। स्टूडेंट्स के लिए ढ्ढ-20 वीज़ा की ज़रूरत होती है, इसके लिए आपके पास यूनिवर्सिटी से मिला स्न-1 फॉर्म ज़रूर होना चाहिए। कोई भी गलत या अधूरी जानकारी देने के बजाय वीज़ा के फॉर्म को बिलकुल ध्यान से भरें।
इन बातों का भी रखें ध्यान
- रहने की जगह सर्च करने से पहले इंटरनेट पर वहां के ब्लैक लिस्टेड एरियाज़ की लिस्ट देख लें। वहां भूल से भी न रहें।
- कॉलेज या यूनिवर्सिटी की रैंकिंग चेक कर लें। स्कॉलरशिप, पढ़ाई के पैटर्न आदि की विस्तृत जानकारी हासिल कर लें।
- यह भी पता कर लें कि वहां स्टूडेंट्स को कैंपस के अंदर या बाहर पार्ट टाइम जॉब करने की अनुमति है या नहीं। कहीं काम करने से खर्चे चलाने में आसानी रहेगी।
- लेटर ऑफ रेफ्रेंस के बिना एडमिशन मिलना लगभग नामुमकिन होता है। यह टीचर्स या पुरानी कंपनी के बॉस द्वारा लिखा जाता है। इस फीडबैक में आपकी तारीफों को महत्व दिया जाना चाहिए।
- किसी दूसरे देश में पढऩे जाने के लिए खुद को मेंटली तैयार करें। अपने मकसद से भटके बिना वहां एडजस्ट करने की पूरी कोशिश करें। किसी डॉक्युमेंट के खो जाने पर या कोई और परेशानी होने पर यूनिवर्सिटी और पुलिस से संपर्क करें।