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रिलेशनशिप मैनेजर इन बैंकिग

बौंक शहर से लेकर गांव तक सभी की जरूरत है। बैंको मे अधिकारी से लेकर क्लर्क और कैशियर तक कई तरह के प्रोफेशनल्स कार्य करते है?। लेकिन पिछले कुछ वर्षो में बैकों की संख्या तेजी से बढ़ने के साथ उनमे कॉम्पिटिशन भी बढ़ा है। ऐसे मे हर बैंक अपनी सेवाओ से ग्राहको को लुभाना चाहता है। बदलते वक्त की

By Edited By: Published: Sat, 15 Jun 2013 01:45 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
रिलेशनशिप मैनेजर इन बैंकिग

बैंक शहर से लेकर गांव तक सभी की जरूरत है। बैंको मे अधिकारी से लेकर क्लर्क और कैशियर तक कई तरह के प्रोफेशनल्स कार्य करते है। लेकिन पिछले कुछ वर्षो में बैकों की संख्या तेजी से बढ़ने के साथ उनमे कॉम्पटीशन भी बढ़ा है। ऐसे मे हर बैंक अपनी सेवाओं से ग्राहकों को लुभाना चाहता है। बदलते वक्त की जरूरत को देखते हुए रिलेशनशिप मैनेजर का पद बेहद महत्वपूर्ण बन गया है। निजी बैंको मे तो इसे काफी अहमियत दी जा रही है।

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रिलेशनशिप मैनेजर (आरएम) का प्रमुख कार्य बैंकिग कार्यप्रणाली के ठीक से चलते रहने को सुनिश्चित करने के अलावा यह भी है कि वे ग्राहकों को यह फील कराएं कि वे सही, सुरक्षित जगह पर है। ये डायरेक्ट सेल्स एसोसिएट्स यानी डीएसए और डायरेक्ट सेल्स टीम यानी डीएसटी के कार्य को भी देखते है। ये कर्मियों को बैंक की नीतियां बनाने के अलावा ग्राहकों से पेश आने के तरीके भी बताते हैं।

नेचर ऑफ वर्क

लोन और चालू एवं बचत खातों की फाइलों को जांचना, इन फाइलों को आगे बढ़ाना, भारतीय जांच ब्यूरो लिमिटेड (सीआईबीआईएल) की रेटिंग को जांचना, क्रेडिट टीम फाइलों की प्रगति को जांचना और फाइल को तैयार करना, डीएसटी से रिपोर्ट लेना रिलेशनशिप मैनेजर के काम का हिस्सा है।

योग्यता

बारहवीं और ग्रेजुएशन के बाद अगर आप बैंकिग के क्षेत्र में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या पीजी डिप्लोमा जैसे कोर्स कर चुके हैं तो आपके बैंकिग व फाइनेंशियल सेक्टर में जाने की राह आसान हो जाती है, क्योंकि प्रशिक्षण के दौरान टेलीसेल्स, टेलीमार्केटिंग, फाइनेशियल सर्विसेज, क्रॉस सेलिंग, आउटबाउंड, कस्टमर केयर, वाइस प्रोसेस, सेल्स, टेलीकॉलिंग, कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव, कम्युनिकेशन स्किल आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा त्वरित निर्णय लेने का कॉन्फिडेंस भी होना चाहिए।

संबंधित कोर्स

बीबीए बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विस, मास्टर्स डिग्री इन बैंकिंग एंड फाइनेंस, बीकॉम डिग्री इन बैंकिंग एंड फाइनेंस, पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस, एमबीए बैंकिंग, पीजी डिप्लोमा इन एडवांस फाइनेंशियल प्लानिंग एंड वेल्थ मैनेजमेंट आदि मे से कोई कोर्स करने के बाद आरएम बनने की राह आसान हो जाती है। 12वीं तक गणित या कॉमर्स पढ़े स्टूडेंट इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। कुछ बैंक एमबीए फ्रेशर को सीधे इस पद पर नियुक्त करते है। कई बैंक सिर्फ एमबीए डिग्रीधारी को ही इस पद पर नियुक्त करते हैं।

सैलरी पैकेज

रिलेशनशिप मैनेजर की शुरुआती सैलरी 25 हजार से लेकर 30 हजार प्रतिमाह तक होती है। अनुभव के साथ-साथ सैलरी भी बढ़ती जाती है।

-अरुण श्रीवास्तव


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