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करियर भी बनाएं डिजिटल

डिजिटल वल्र्ड में करियर ऑप्शंस भी फास्ट और डिजिटल हो गए हैं। हर रोज़ बदलते दौर में आज का यूथ दायरों में बंधकर काम करना पसंद नहीं करता है। वह आज़ादी से अपने सपनों को नई उड़ान देना चाहता है, ख़्ाासकर वह वर्ग जो क्रिएटिव फील्ड से जुड़ा है। ऐसे

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2016 12:21 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2016 12:23 PM (IST)
करियर भी बनाएं डिजिटल

डिजिटल वल्र्ड में करियर ऑप्शंस भी फास्ट और डिजिटल हो गए हैं। हर रोज़ बदलते दौर में आज का यूथ दायरों में बंधकर काम करना पसंद नहीं करता है। वह आज़ादी से अपने सपनों को नई उड़ान देना चाहता है, ख़्ाासकर वह वर्ग जो क्रिएटिव फील्ड से जुड़ा है। ऐसे में फ्रीलांसिंग उनके लिए एक बेहतरीन ऑप्शन है।

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कुछ यंगस्टर्स को पढऩे के साथ ही एक्सपीरियंस गेन करने का भी शौ$क होता है तो कुछ रेगुलर नाइन टु फाइव की जॉब नहीं करना चाहते हैं। कुछ ऐसे भी होते हैं जो काम के बाद अपनी हॉबी या पैशन के लिए टाइम निकालते हैं। $फोटोग्रा$फी, फीचर राइटर्स, इवेंट कोऑर्डिनेटर्स, सोशल मीडिया कंसल्टेंट, ब्लॉगर, ग्रा$िफक आर्टिस्ट, ट्रैवल राइटर, ऑथर, सोशल वर्कर आदि कुछ ऐसे जॉब ऑप्शंस हैं जिन्हें फ्रीलांसिंग के तौर पर अपनाया जा सकता है। जानते हैं फ्रीलांसिंग के कुछ ख़्ाास $फायदे -

मजऱ्ी से करें काम

आपको किसी के अंडर में काम न करके, अपना शेड्यूल ख़्ाुद बनाने की फ्रीडम होती है। दूसरों का प्रेशर भी उतना नहीं होता है जितना कि रेगुलर जॉब में होता है। आप जो वा$कई में करना चाहते हैं, उसे मन से करते हैं। आपके पास अपने क्रिएटिव टैलेंट को परखने का भरपूर समय होता है।

चुनें अपना वर्कप्लेस

रोज़ ऑफिस जाकर काम करने वाला आपका टाइम सेव होता है। इसमें आप अपने घर से तो काम कर ही सकते हैं, साथ ही कभी ट्रैवलिंग करते हुए भी कर सकते हैं। उसके अलावा अगर आप बोर फील कर रहे हों तो अपना वर्कप्लेस स्विच भी कर सकते हैं। कभी अपने फेवरिट हैंगआउट प्लेस पर तो कभी पार्क जाकर भी काम कर सकते हैं।

बनें ख़्ाुद के बॉस

बॉस की डांट और कलीग्स की झिकझिक से बचने के लिए भी यह अच्छा ऑप्शन है। इसमें कोई आपसे बिना मतलब के या एक्स्ट्रा वर्क भी नहीं करवा सकता। आप अपने क्लाइंट और प्रोजेक्ट्स ख़्ाुद ही सेलेक्ट कर सकते हैं। इसमें जितने रिवॉड्र्स हैं, उतनी ही रिस्पॉन्सिबिलिटीज़ भी। जो भी काम अपने जिम्मे लेते हैं, उसे टाइम पर पूरा करके क्लाइंट को भेजने का प्रेशर तो होता ही है।

तय करें अपनी सैलरी

आप अपने काम को जितना टाइम और एफर्ट देंगे, उतने पेमेंट की डिमांड भी कर सकते हैं। अगर कभी आपकी पॉकेटमनी कम पड़ रही हो या कुछ ख़्ाास ख़्ारीदने का मन हो तो अपना काम बढ़ा कर एक्स्ट्रा अर्न कर सकते हैं। जबकि रेगुलर जॉब में इंक्रीमेंट का $फायदा इतनी जल्दी नहीं मिलता है। हर जगह तो ओवरटाइम का पेमेंट भी नहीं मिलता है।

इन $फायदों के अलावा फ्रीलांसिंग के और भी बहुत सारे $फायदे हैं। इसमें आपके काम पर आपका कंट्रोल और अपने पैशंस को एक्सप्लोर करने का टाइम होता है। इसके अलावा यह आपको ऑर्गनाइज़्ड भी रखता है, साथ ही आपकी नेटवर्किंग भी बढ़ाता है। चाहें तो पढ़ाई के साथ आसानी से फ्रीलांसिंग कर सकते हैं, यह हर तरह से अनपेड इंटर्नशिप से बेहतर ऑप्शन है।

डीडी डेस्क


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