कुछ भी आसान नहीं
कोई काम छोटा बड़ा नहीं होता, आपके कदम $खुद-ब-$खुद बढ़ते जाते हैं मंजिल की ओर...यह कहना है अद्वैत देवधर का। वे एकमात्र भारतीय हैं, जो वल्र्ड मोटर रेसिंग चैंपियनशिप रेस टू 24 में भाग लेने जा रहे हैं... 'रेस टू 24' को लेकर कितना उत्साहित हैं आप?
कोई काम छोटा बड़ा नहीं होता, आपके कदम $खुद-ब-$खुद बढ़ते जाते हैं मंजिल की ओर...यह कहना है अद्वैत देवधर का। वे एकमात्र भारतीय हैं, जो वल्र्ड मोटर रेसिंग चैंपियनशिप रेस टू 24 में भाग लेने जा रहे हैं...
'रेस टू 24' को लेकर कितना उत्साहित हैं आप?
बहुत एक्साइटेड हूं मैं। इतनी बड़ी अपॉरचुनिटी मिलेगी, सोचा नहीं था। सबसे अच्छी बात यह है कि मैं एकमात्र भारतीय हूं जो इस बड़ी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाला है। यहां दुनिया के बड़े मोटर रेसर भाग ले रहे हैं, उनके बीच जाना गर्व की बात है।
कब शुरू की अपनी करियर
यात्रा?
मैंने 2012 में ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। मोटर रेसिंग में जाने का डिसीजन मेरा $खुद का था। मैंने $खुुद से वादा किया था कि चाहे कुछ भी हो जाए इस फील्ड में ही अपना करियर बनाना है। हालांकि अभी शुरुआत है दूर जाना है मुझे।
दिक्कतें तो आई होंगी?
हां, सबसे बड़ी दिक्कत फंडिंग की आई। पर इससे मेरा विल पावर कमजोर नहीं हुआ। मैं इटली में रहा, मोटर स्पोर्ट में $खुद को परफेक्ट करने के लिए यह जरूरी था। इन सबके चीज के लिए फंड रेजिंग की। फ्रेंड्स और फेमिली ने पूरा सपोर्ट किया।
आपकी उपलब्धि, आपका सपना?
मैंने अब तक कई वल्र्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लिया है। तकरीबन सबमें फ्रंड रनर रहा और चैंपियन बना। मेरा सपना है कि मैं भारत का बेहतरीन फाम्र्युला वन रेसर बनूं।
यूथ को क्या मेसेज देंगे?
आप जीवन में क्या बनना चाहते हैं, इसे पहचाने और फिर अपना सौ प्रतिशत देने में जुट जाएं। यह आपकी जिंदगी है, पहचानने की कोशिश जरूरी है कि आपको क्या आगे बढऩे के लिए प्रेरित करती है!
सीमा झा