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जानिए हम तुम की खंट्टी-मीठी नोक झोंक

''एक दिलचस्प स्टडी के मुताबिक पुरुष छोटे-छोटे वाक्यों पर अधिक बिलीव रखते हैं, जबकि स्त्रियां पैराग्राफ की तरह सोचती हैं। बातों में 'काम की बात' करना और सुनना पुरुषों की आदत है तो स्त्रियां बात से बात निकालने की एक्सपर्ट होती हैं। एक दिन में पुरुष औसतन 12 हजार शब्द बोलते हैं, जबकि स्त्रियां तकरीबन 25हजार।'' मिस्टर वाई हाय! क्य

By Edited By: Published: Mon, 30 Dec 2013 03:36 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2013 03:48 PM (IST)

''एक दिलचस्प स्टडी के मुताबिक पुरुष छोटे-छोटे वाक्यों पर अधिक बिलीव रखते हैं, जबकि स्त्रियां पैराग्राफ की तरह सोचती हैं। बातों में 'काम की बात' करना और सुनना पुरुषों की आदत है तो स्त्रियां बात से बात निकालने की एक्सपर्ट होती हैं। एक दिन में पुरुष औसतन 12 हजार शब्द बोलते हैं, जबकि स्त्रियां तकरीबन 25हजार।''

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मिस्टर वाई

हाय! क्या ये हमारे रोज-रोज के झगड़े और नोकझोंक कभी बंद नहीं हो सकते। अब मैं शांति चाहता हूं।

मिस एक्स

हेलो। शांति चाहते हो तो मुझसे क्यों पूछ रहे हो? खुद ही क्यों नहीं ढूंढ लेते?

मिस्टर वाई

अरे यार!! फिर तुम शुरू हो गई। बात कुछ होती है, तुम उसे रबड़ की तरह खींचकर कुछ और ही मतलब निकाल लेती हो।

मिस एक्स

मैं हमेशा सही मतलब ही निकालती हूं। मैं तुम्हें अच्छी तरह जानती हूं। ंबात को घुमाने की कोशिश मत करो। मैं तुम्हारा मतलब बहुत अच्छी तरह समझ चुकी हूं।

मिस्टर वाई

ठीक है, जो तुम्हें समझना हो समझो। मैं बस यह कह रहा था कि हम लोग अपने काम बांट लेते हैं। जिससे किसी एक पर सारा बोझ नहीं पड़ेगा।

मिस एक्स

अब मैं बोझ लगने लगी। पहले तो कहते हैं, मैं तुम्हारे लिए चांद-सितारे तोड़ कर ला सकता हूं। तुम्हें कभी जमीन पर पांव ही नहीं रखने दूंगा। वगैरह-वगैरह..।

मिस्टर वाई

वही तो गलती हो गई। अब सुधार करना चाहता हूं। बस तुम एक बार हां कह दो।

मिस एक्स

यानी तुम मुझे वाकई बोझ समझते हो।

मिस्टर वाई

अरे नहीं बाबा। तुम बात क्यों नहीं समझतीं। छोटी-छोटी बातों को लेकर जो हमारे बीच कहा-सुनी होती है। मैं उसे बंद करना चाहता हूं। बस तुम्हारा सपोर्ट चाहता हूं।

मिस एक्स

वह कैसे?

मिस्टर वाई

तुम मुझे अपने सारे काम, सारे गम तो दो और बदले में मुझसे ढेर सारी खुशियां और प्यार ले लो। देखो न मत करना वरना दिल टूट जाएगा।

मिस एक्स

अगर यही बात तुम पहले ही कह देते तो इतनी बहस ही न होती।

मिस्टर वाई

(छेड़ते हुए) अब समझ में आ गया? झगडे़ की शुरुआत कैसे होती है। (यह कहकर मिस्टर वाई भागते हैं)

..और मिस एक्स का गुस्सा ठंडा हो जाता है। वह मिस्टर वाई को एक मीठी सी मुस्कान पास करती हैं। तो क्या अब कभी नहीं होगी हम-तुम के बीच नोकझोंक.? बने रहिए हम-तुम के साथ।

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