हर घड़ी उनका रहता है इंतजार
हर घड़ी उनका रहता है इंतजार। हर पल दिल रहता है उनसे मिलने को बेकरार । बस यूं एक-दूसरे के साथ बीत जाते हैं दिन-रात। लेकिन बेरू खी कर देती है बेहाल। न मिल कर चैन न बिछड़ कर ख़ुशी। हम-तुम के बीच खट्टी-मंीठी नोकझोंक का सिलसिला चलता ही रहता है। देखते हैं इस बार इन दोनों की दोस्ती की गाड़ी किधर टर्न लेने वाली है।े मिस एक्स सुनो
हर घड़ी उनका रहता है इंतजार। हर पल दिल रहता है उनसे मिलने को बेकरार । बस यूं एक-दूसरे के साथ बीत जाते हैं दिन-रात। लेकिन बेरू खी कर देती है बेहाल। न मिल कर चैन न बिछड़ कर ख़ुशी। हम-तुम के बीच खट्टी-मंीठी नोकझोंक का सिलसिला चलता ही रहता है। देखते हैं इस बार इन दोनों की दोस्ती की गाड़ी किधर टर्न लेने वाली है।
मिस एक्स :
सुनो क्या तुम मुझसे प्यार करते हो?
मिस्टर वाई :
ये क्या सवाल हुआ?
मिस एक्स :
जल्दी बताओ। क्या तुम वाकई मुझसे उतना ही प्यार करते हो, जितना मैं?
मिस्टर वाई :
नहीं। मैं तुमसे प्यार नहीं करता।
मिस एक्स :
तो इतने दिनों की दोस्ती का कोई मतलब नहीं।
मिस्टर वाई :
नहीं ऐसा मैंने कब कहा। दोस्ती अपनी जगह है और प्यार अपनी।
मिस एक्स :
मुझे पता था तुम सब एक जैसे होते हो। जब कोई दूसरी लड़की ज्यादा अच्छी लगने लगती है तो अपने प्यार को दोस्ती का नाम देते हो।
मिस्टर वाई :
काश! मुझे कोई मिल तो जाए। तुमने आइडिया अच्छा दिया है।
मिस एक्स :
तुमने साथ-साथ जीने-मरने की कसमें खाई थीं। कभी साथ न छोड़ने का वादा किया था। क्या वह सब झूठ था? क्या मैं तुम्हें पसंद नहीं?
मिस्टर वाई :
अरे बाबा! तुम ख्वाहमखा बात को बढ़ाए जा रही हो। तुम मेरी पसंद नहीं, मेरी चाहत हो। मैं तुम्हारे साथ मरना नहीं चाहता, जीना चाहता हूं। तुम जिसे प्यार समझ रही हो वही तो मेरी जिंदगी है। और तुम मेरी जिंदगी हो। क्या अभी भी मुझे अपने प्यार को साबित करने की जरूरत है?
मिस एक्स :
नहीं मैं तो सिर्फ ये देख रही थी कि तुम बदल तो नहीं गए।
मिस्टर वाई :
बदला होता तो आज तुम्हारे सवालों का जवाब न दे रहा होता। लेकिन क्या तुम भी मेरी तरह पहले जैसा ही प्यार करती हो?
मिस एक्स :
नहीं उससे कहीं ज्यादा।
.. दोनों ख़ुश होकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और प्यार की दुनिया में खो जाते हैं। लेकिन क्या इनके बीच यह प्यार बरकरार रहेगा? बने रहिए हम-तुम के साथ।
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