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फिटनेस वर्सेस एब्स

नए साल की पहली सुबह युवाओं का फिटनेस को लेकर कमिटमेंट दिख ही जाता है। कभी तो यह जोश कुछ दिनों में ठंडा पड़ जाता है तो कभी नशा बन कर सर पर चढ़ जाता है। फिटनेस के प्रति दीवानगी सही है लेकिन एब्स बनाने के लिए शॉर्टकट्स अपनाना कहां

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2016 04:27 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2016 04:30 PM (IST)
फिटनेस वर्सेस एब्स

नए साल की पहली सुबह युवाओं का फिटनेस को लेकर कमिटमेंट दिख ही जाता है। कभी तो यह जोश कुछ दिनों में ठंडा पड़ जाता है तो कभी नशा बन कर सर पर चढ़ जाता है। फिटनेस के प्रति दीवानगी सही है लेकिन एब्स बनाने के लिए शॉर्टकट्स अपनाना कहां तक जायज़ है? यह एक प्रश्न है जिसे यूथ अपने-अपने तरी$के से देखता है ...

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आज के युवाओं में बॉडी बनाना एक नशे जैसा हो गया है। यह नशा जब जुनून में बदल जाता है तो वे स्टेरॉयड्स, प्रोटीन जैसे सप्लीमेंट्स लेने लगते हैं। वे नहीं समझते कि नैचरल डाइट और नैचरल एक्सरसाइज़ से ही $िफज़ीक फिट रहता है। एब्स नहीं, फिटनेस ज़्यादा ज़रूरी है। इसके लिए जहां वॉकिंग एवं रनिंग जैसी एक्सरसाइज़ेस ज़रूरी हैं, वहीं ऑयली फूड से बचना, दाल, सैलेड, फ्रूट, मिल्क और जूस जैसी चीज़ोंं को प्राथमिकता देना भी ज़रूरी है। नॉनवेज में रोस्टेड या बॉयल्ड चिकन, हाफ बेक ऑमलेट या बॉयल्ड एग जैसी चीज़ेंं लेने से फिटनेस बनी रहती है और फैट आने के चांसेज़ भी नहीं रहते।

फिटनेस एक अच्छी पहल

'अगर आपके पास सब कुछ है और आप हेल्दी नहीं हैं तो समझिए कि आपके पास कुछ भी नहीं है। लोग अपनी फिटनेस के प्रति लापरवाह होते हैं तो उन्हें तीस-पैंतीस वर्ष की उम्र में ही बीमारियां घेर लेती हैं, लेकिन अब यूथ बदल रहा है। वह ख़्ाुद को फिट रख रहा है।Ó यूथ में फिटनेस के प्रति गंभीरता को अच्छी पहल मानते हैं वर्ष 2012 में मिस्टर इंडिया का ख़्िाताब पा चुके एरी डबास। एरी को लगता है कि अगर आप सही तरी$के से एब्स बनाते हैं तो यह बहुत ही अच्छी चीज़ है और लाइफटाइम आपको हेल्दी भी रखेगी।

हेल्दी डाइट और वर्कआउट

एक अध्ययन बताता है कि भारी-भरकम वज़न उठाने के बजाय कम वज़न उठाना बेहतर होता है। शोधकर्ता मानते हैं कि जिम में कम वज़न उठाना ज़्यादा इफेक्टिव होता है। क्योंकि कम वज़न उठाने से प्रैक्टिस ज़्यादा की जा सकती है। ऐक्टर अर्जुन रामपाल भी हेल्दी डाइट और वर्कआउट को ही फिटनेस का मंत्र कहते हैं। उनके हिसाब से जिम में कड़ी मेहनत और हेल्दी डाइट से ही ड्रीम लुक मेंटेन किया जा सकता है। इससे शरीर का मेटाबॉलिज़्म बना रहता है। अपनी बॉडी को ध्यान में रखते हुए ही वर्कआट या एक्सरसाइज़ करनी चाहिए।

नैचरल तरी$के से लाएं एब्स

अगर आप एब्स के लिए एक्स्ट्रा प्रोटीन, फैट बर्नर या ड्रग्स वगैरह ले रहे हैं तो यह बहुत $गलत है। इनको अवॉइड करें। अपनी डाइट में ही प्रोटीन लें। नैचरल तरी$के से एब लेकर आते हैं तो इससे बढिय़ा कोई और चीज़ हो ही नहीं सकती है।

बॉडी बनती है किचन में

फूड, माइंड और बॉडी के बैलेंस पर डिपेंड करता है हेल्दी होना। माइंड का बॉडी से कनेक्शन होना चाहिए। हेल्दी रहने के लिए सि$र्फ बॉडी बनाना ही का$फी नहीं है बल्कि माइंड को भी ट्रेन करना होता है। मेरे हिसाब से फूड, एक्सरसाइज़ और माइंड में बैलेंस से ही हेल्दी रह सकते हैं। आप कुछ पढ़ें, मेंटली फिट रहें। मेडिटेशन एक ऐसी टेक्नीक है जो बहुत काम करती है। वैसे सेवेंटी पर्सेंट बॉडी किचन में बनती है और थर्टी पर्सेंट जिम में। मुझे लगता है कि हेल्थ कम फस्र्ट, एस्थेटिक्स कम सेकंड। जब तक आप हेल्दी हैं, आप अच्छे लगेंगे। अगर हेल्दी तरी$के से एब्स बनाएंगे तो सिक्स पैक नहीं तो फोर पैक्स तो मेंटेन कर ही लेंगे।

ज़ीरो या बबली साइज़

अगर लड़कियों की बात करें तो करीना कपूर ने ज़ीरो साइज़ का जो राग छेड़ा था वह अब बज नहीं रहा। सिने तारिकाएं ज़ीरो साइज़ नहीं बल्कि बबली साइज़ में भी कंफर्टेबल हैं। दर्शकों के लिए भी इनकी ऐक्टिंग मायने रखती है। 'दबंगÓ से पहले सोनाक्षी ने 30 किलोग्राम वज़न घटाया लेकिन ज़ीरो फिगर की नहीं हो पाईं। विद्या बालन भी इस बात की चिंता नहीं करतीं कि लोग उनके लिए क्या कहते हैं। हुमा कुरैशी की भी वज़न घटाने में दिलचस्पी नहीं है, बेश$क वे फिट रहने में य$कीन करती हैं।

शार्प हो सकती हैं एब्स

मैं चार साल से मॉडलिंग कर रहा हूं। अपनी बॉडी पर भी मैंने इन दिनों का$फी काम किया है। मैं नॉनवेज खाता हूं। जूस और दही आदि लेता हूं। ऑयली जंक फूड नहीं लेता। सुबह दौड़, दिन में दो बार जिम। पहली बार जिम में एब्डॉमिनल ओन्ली स्टमक और दूसरी बार नॉर्मल बॉडी पार्ट एक्सरसाइज़। सुबह-शाम जिम जाता हूं। मैं हमेशा से स्लिम था। मेरा ख़्ाास दीवानापन तो नहीं है लेकिन दस से पंद्रह दिनों में एब्स को शार्प कर लेता हूं। एक बार एब्स बन जाती हैं तो फिर वे जाती नहीं हैं, बस कम हो जाती हैं। ऐसे में इन्हें कभी भी शार्प किया जा सकता है।

फिटनेस और ख़्ाुशी

जब आप फिट महसूस करते हैं तो लाइफ में ख़्ाुशी महसूस करने लगते हैं। प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर्स स्टेरॉयड्स या ड्रग्स यूज़ करें तो यह उनकी सोच है लेकिन नॉर्मल लोगों को बॉडी बनाने के लिए ऐसा करने की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है। यह नुकसानदायक भी है।

यशा माथुर


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