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चिड़ियाघर में कई साल से अधूरे हैं वन्यजीवों के जोड़े

किशन गोयल, नई दिल्ली दिल्ली के चिड़ियाघर में कई वन्यजीव वर्षो से अकेले ही अपना जीवन गुजार रह

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 10:47 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 12:53 AM (IST)
चिड़ियाघर में कई साल से अधूरे हैं वन्यजीवों के जोड़े

किशन गोयल, नई दिल्ली

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दिल्ली के चिड़ियाघर में कई वन्यजीव वर्षो से अकेले ही अपना जीवन गुजार रहे हैं। कुछ वन्यजीवों के साथी हैं तो कुछ कई साल से जीवन काटने को मजबूर हैं, जिसमें बंगाल टाइगर से लेकर गैंडा व हाथी भी शामिल हैं।

चिड़ियाघर में इस समय बंगाल टाइगर की श्रेणी में बिट्टूं, रामा व करन हैं, जिसमें बिट्टूं को वर्ष 2012 में भोपाल के वन विहार के लाया गया था, वहीं रामा मैसूर के चिड़ियाघर से दिल्ली की वादियों में आया था, लेकिन यहां आकर ये वन्यजीव अकेले ही अपने जीवन जी रहे हैं, वहीं यही हाल दूसरी ओर चिड़ियाघर में कई वर्षो से अकेले रह रही गैंडा श्रेणी में अंजुहा व महेश्वरी का भी है। दोनों को भी कई साल से कोई जीवनसाथी नहीं मिला। कुछ साल पहले अयोध्या था, जिसे एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दूसरे चिड़ियाघर में भेज दिया गया था। तबसे अब तक दिल्ली के चिड़ियाघर को कोई गैंडा नहीं मिला है, वहीं हाथियों में भी जहां भारतीय हाथी में हीरागज व राजलक्ष्मी का जोड़ा पूरा है। वहीं, अफ्रीकन हाथी शंकर वर्षो से अकेला है। सूत्रों के मुताबिक, कई बार एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत शंकर की साथी लाने के लिए बात बनी लेकिन फिर अटक गई, वहीं गिब्बन बंदर की श्रेणी में कृष्णा की मौत के बाद राधा गिब्बन भी अकेली हो गई है। कृष्णा को वर्ष 2007 में इटानगर के चिड़ियाघर से लाया गया था, लेकिन बीमारी के चलते कृष्णा भी चिड़ियाघर को हमेशा के लिए छोड़ कर चला गया, वहीं एशिया की सबसे बुजुर्ग चिंपाजी रीटा भी कई साल से अकेले ही जीवन बिता रही है। रीटा के साथ रहने के लिए पहले मैक्स आया था। बाद में मैक्स की मौत की मौत हो गई थी। इसके बाद रुस्तम को लाया गया, लेकिन वह भी चला गया। सबसे आखिरी में रीटा के साथ मनी रहा, जो चार साल पहले चिड़ियाघर को हमेशा के लिए अलविदा कह गया। इसके बाद रीटा अब तक अकेले ही जीवन बिता रही है।


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