तुम भूल न जाना उनको, इसलिए सुनो ये कहानी...
कारगिल की लड़ाई को भला कौन भूल सकता है, पाकिस्तान के छल को कौन भूल सकता है। भला कौन भूल सकता है उन अमर शहीदों को जिन्होंने कारगिल की जंग में हंसते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
अरविंद कुमार द्विवेदी, दक्षिणी दिल्ली। कारगिल की लड़ाई को भला कौन भूल सकता है, पाकिस्तान के छल को कौन भूल सकता है। भला कौन भूल सकता है उन अमर शहीदों को जिन्होंने कारगिल की जंग में हंसते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
कारगिल विजय भारतीय सैनिकों की वीरगाथा का प्रमाण है, यह विजय उन वीर सपूतों की याद दिलाती है, जिन्होंने दुनिया के सबसे दुर्गम रणक्षेत्र में 'भारत माता की जय हो' का उद्घोष करते हुए दुश्मनों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने जिन साजो-सामान का इस्तेमाल किया उसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। साकेत स्थित सेलेक्ट सिटी वॉक मॉल में कारगिल युद्ध के दौरान इस्तेमाल हुए एक शक्तिमान ट्रक और चार जीपों को लाया गया है जिन्हें देखने के लिए मेले सा माहौल है।
मॉल में नजारा कुछ ऐसा है कि कोई इन वाहनों को चूम रहा है, कोई इन्हें नमन कर रहा है, कुछ तो वीरगाथा की इन निशानियों को अपनी यादों में समेट लेना चाहते हैं। आंखे नम हैं, हर तरफ चर्चा है तो बस उन अमर बलिदानियों की जो 16 साल पहले इन्हीं वाहनों पर सवार हो भारत मां की रक्षा के लिए दीवानों की तरह निकल पड़े थे।
स्ट्रीट आर्ट कलाकार ने भरे रंग
शहीनों को श्रद्धांजलि देने के लिए मॉल में खड़े इन वाहनों पर विशेष पेंटिंग की गई है। थीम भी ऐसी कि देखते ही देश भक्ति की भावना उमड़ पड़ती है। स्ट्रीट आर्ट कलाकार योगेश सैनी ने 10 कलाकारों की टीम के साथ इन वाहनों रंग भरने का काम किया है।
योगेश के मुताबिक पेंटिंग की थीम को कुछ अलग व वीर रस से भरपूर बनाना सबसे बड़ी चुनौती थी। बावजूद इसके वाहनों पर अलग-अलग रेजिमेंट के वार क्राइ (युद्ध घोष) जैसे, आयो गोरखाली, जो बोले सो निहाल, जाट बलवान जय भगवान आदि लिखा है।
द्रास व टाइगर हिल का बना नक्शा
वाहनों में द्रास व टाइगर हिल नक्शा बनाकर युद्ध की तस्वीरों को दर्शाया है। दुश्मनों को परास्त करने के बाद हाथों में तिरंगा लिए विजय का जश्न मनाते सैनिकों को भी दिखाया गया है। म्यूरल पेंटिंग की विधा में सजाए गए वाहनों पर ऑटोमोटिव, इम्युरल्स, एक्रलिक व कांबिनेशन पेंटों का इस्तेमाल किया गया।
इसलिए मनाते हैं कारगिल विजय दिवस
भारतीय सेना ने 26 जुलाई 1999 को कश्मीर के कारगिल में करीब दो माह तक चले युद्ध के बाद पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा कब्जा की गई ऊंची रक्षा चौकियों पर नियंत्रण पाया था। इसके लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय चलाया था।
भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध मई 1999 से शुरू हुआ था, जिसमें भारत के 500 से ज्यादा जांबाज सैनिक शहीद हुए थे। विश्व इतिहास में कारगिल युद्ध दुनिया की सबसे ऊंची जगहों पर लड़ी गई जंग में शामिल है।