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Wrestlers Protest: WFI अध्यक्ष को पटखनी देने के बाद भी नहीं मान रहे पहलवान, जंतर-मंतर पर 8वें दिन भी धरना जारी

दिल्ली के जंतर मंतर पहलवान WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ 2 एफआईआर दिल्ली पुलिस ने दर्ज कर ली हैं।

By Nitin YadavEdited By: Nitin YadavPublished: Sun, 30 Apr 2023 08:47 AM (IST)Updated: Sun, 30 Apr 2023 08:47 AM (IST)
Wrestlers Protest: WFI अध्यक्ष को पटखनी देने के बाद भी नहीं मान रहे पहलवान, जंतर-मंतर पर 8वें दिन भी धरना जारी
Wrestlers Protest: WFI के अध्यक्ष को पटखनी करने के बाद नहीं मान रहे पहलवान।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Wrestlers Protest: दिल्ली के जंतर मंतर पहलवान WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ 2 एफआईआर दिल्ली पुलिस ने दर्ज कर ली हैं। हालांकि, अभी भी पहलवान जंतर मंतर पर डटे हैं। इसके साथ ही पहलवान WFI के अध्यक्ष इस्तीफा और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

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जिद पर अड़े पहलवान

जंतर मंतर पर बीते हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे है पहलवान दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की एफआईआर के बाद अब भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी और इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं। पहलवान लगातार मीडिया से बातचीत में कह रहे हैं कि उन्हे दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं और वह उनकी (बृजभूषण शरण सिंह) की गिरफ्तार और उनके सभी पदों से इस्तीफे के बाद ही धरना खत्म करेंगे।

नहीं करते किसी राजनीतिक पार्टी का समर्थन

धरने पर बैठी पहलवान ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करते हैं। कुछ लोग हमारे धरने के बदनाम करना चाहते हैं, अगर कोई भी व्यक्ति हमारे धरना स्थल से कोई भी राजनीतिक बयान देते हैं तो हमारे उससे कोई लेना देना नहीं है।

पुलिस ने पहलवानों को मुहैया कराई सुरक्षा

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाली किशोरी समेत सात महिला पहलवानों को शनिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया करा दी गई है। उनकी सुरक्षा में नई दिल्ली जिले से एक-एक सिपाही को तैनात किया गया है। इनकी ड्यूटी 12-12 घंटे की होगी। समीक्षा के बाद सुरक्षा यूनिट के कर्मियों की तैनाती की जाएगी।

ये हैं आरोप

पहलवानों ने संसद पर 2012 से 2022 तक अलग-अलग जगहों पर छेड़खानी करने का आरोप लगाया है। सभी महिला पहलवान हरियाणा की रहने वाली हैं। उन्होंने सांसद पर देश ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय इवेंट के दौरान विदेश में भी यौन शोषण का आरोप लगाया है। सूत्रों के मुताबिक, खेल मंत्रालय की जांच कमेटी की रिपोर्ट में प्रशासनिक सुधार की बात कही गई है।

कमेटी ने महासंघ को कहा है कि चयन प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है। विशाखा कमेटी की गाइडलाइन को सख्ती से लागू किया जाए, ताकि कोई भी पहलवान शारीरिक या यौन शोषण की शिकायत करे, तो उसकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई हो सके।

निर्दोष हूं मैं: बृजभूषण शरण सिंह

बृजभूषण शरण ने पहलवानों के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि मैं निर्दोष हूं और जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करता हूं। इन सभी ने बीते 12 साल तक किसी पुलिस थाने, खेल मंत्रालय या महासंघ से शिकायत नहीं की। डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने कहा कि विरोध करने से पहले ये पहलवान मेरी तारीफ करते थे, मुझे अपनी शादी में बुलाते थे और मेरे साथ फोटो खिंचवाते थे।

इस्तीफा देना कोई बड़ी बात नहीं

बृजभूषण ने आगे कहा कि इस्तीफा देना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन मैं अपराधी नहीं हूं। उन्होंने कहा कि अगर मैं इस्तीफा देता हूं तो इसका मतलब होगा कि मैंने उनके पहलवानों के आरोपों को स्वीकार कर लिया है। शरण ने कहा कि सरकार ने 3 सदस्यीय समिति बनाई है और चुनाव 45 दिनों में होंगे और चुनाव के बाद मेरा कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।

क्या है गिरफ्तारी का प्रावधान

दिल्ली पुलिस ने पहलवानों की शिकायत के बाद WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण पर 2 एफआईआर दर्ज की है। दूसरी एफआईआर छह महिला पहलवानों की शिकायत पर छेड़खानी की तीन विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज हुई। इन धाराओं के तहत तीन से सात साल सजा का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि पुलिस विवेक का पालन करते हुए सात साल तक सजा वाले मुकदमे में आरोपित को गिरफ्तार न करना चाहे तो नहीं कर सकती है। चूंकि आरोपित सांसद हैं, उनके कहीं भाग जाने का खतरा नहीं हो सकता है, इसलिए सांसद की गिरफ्तारी नहीं भी की जा सकती है। वैसे भी पुलिस अगर गिरफ्तार करती भी है, तब इन्हें जल्द जमानत देने का प्रावधान है। पुलिस उन्हें जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेज सकती है या उनके घर या कार्यालय में ही जाकर बयान दर्ज कर सकती है।

कब क्या-क्या हुआ

बता दें कि इस साल के शुरुआत में 18 जनवरी, 2023 को महिला पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया समेत करीब 30 पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ जंतर मंतर पर धरने पर बैठे थे। पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर यौन शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। तब मामले में खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों  ने अपना धरना खत्म कर दिया था। मंत्रालय की ओर से पहलवानों के आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया और बृजभूषण शरण सिंह को अपने काम से दूर रहने को कहा गया, लेकिन वह अपने पद पर बरकरार रहे और लगातार खुद को निर्दोष बताते रहे। हालांकि, जांच समिति ने 5 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन इस रिपोर्ट को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।

इसके बाद पहलवान 23 अप्रैल को फिर से धरने पर बैठ गए। उनका यह धरना अभी तक जारी है।

धरना स्थल बना राजनीतिक अखाड़ा

अपनी मांगों को लेकर 23 अप्रैल को फिर से धरने पर बैठे पहलवानों को इस बार देश भर के राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है। पहलवानों के धरना स्थल पर अब तक दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, आतिशी, सौरभ भारद्वाज, पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक, प्रियंका गांधी, जयंत चौधरी,दीपेंद्र हुड्डा समेत तमाम राजनीतिक दलों के बड़े नेता पहलवानों का समर्थन के लिए पहुंचे थे।


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