आशाएं खिले दिल की, अब मुश्किल नहीं कुछ भी
वूमेन इकोनॉमिक फोरम में महिलाओं ने इसकी सीख दी कि जीवन जीने का जज्बा और कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : अच्छा जीवन जीने का जज्बा और कुछ कर गुजरने की तमन्ना जिस किसी भी महिला में हो तो सफलता की राह में चाहे कितने भी कांटे हों, कामयाबी हासिल कर ही लेती है। यह बात द्वारका के ताज विवांता होटल में चल रहे वूमेन इकोनॉमिक फोरम में देश-विदेश से आईं सफल महिलाओं ने एक स्वर में कहीं। वैश्विक पटल पर महिलाओं की दिनोंदिन सुधर रही स्थिति की गवाही दे रहे इस कार्यक्रम में सभी ने इस बात पर जोर दिया कि सकारात्मक सोच के साथ बढ़े कदम कभी पीछे नहीं हटते। इस बढ़े हुए कदम के साथ ही आशाएं जगती हैं और उन आशाओं को आपकी मेहनत एक नई उड़ान देती है, जिसका इस्तकबाल पूरी दुनिया में होता है।
आर2एस सॉल्यूशन की सीएमडी रश्मि चोपड़ा ने कहा कि खुद को चुनौती देनेवाली महिलाएं कोई भी मुकाम हासिल कर सकती हैं। कोई भी कार्य उनके लिए बड़ा नहीं होता। सिर्फ उनमें उत्साह व दूरदृष्टि होनी चाहिए। मैं कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत कार्य करती हूं। मेरा एक ही मकसद होता है, महिलाओं का उत्साह बढ़ाना। मैक्सफोर्ट स्कूल की ¨प्रसिपल प्रियंका भटकोटि ने कहा कि मैं बच्चों के साथ पूरा दिन गुजारती हूं। स्कूल में सभी तरह के बच्चे होते हैं, लेकिन हमारा प्रयास रहता है कि सभी बच्चों का मानसिक स्तर एक समान रहे। मैं उनका उत्साह बढ़ाती हूं और बच्चे मुझे परिणाम लाकर देते हैं। इसमें सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि उनके अभिभावक को शामिल करती हूं और साथ मिलकर बच्चों की बेहतरी के लिए कार्य करते हैं, क्योंकि बच्चे अगर अच्छा नहीं करेंगे तो उसका असर उनके अभिभावक पर पड़ेगा। ऐसे में साथ मिलकर एक नई दुनिया बनाने का कार्य किया जाता है, जहां पर सिर्फ आशाएं होती हैं। मोरक्को में महिला व पुरुष के बीच बराबरी के लिए कार्य कर रहीं अबो अब्राहिम ने कहा कि मेरे पास पहले कुछ नहीं था, लेकिन आज मैं 40 वर्ष की हूं और मेरे पास सबकुछ है। उन्होंने कहा कि ¨जदगी में जितनी भी कठिनाइयां आती हैं वह हमें एक नई राह दिखाती हैं। मोरक्को में महिलाओं में नेतृत्व की क्षमता बढ़ाने को लेकर कार्य करती हूं। इसका काफी असर हो रहा है। महिलाएं अब आगे बढ़कर अपनी नेतृत्व क्षमता की बदौलत हर मुकाम हासिल कर रही हैं। इंफिनिटी हॉस्पिटैलिटी सर्विस की मुख्य कार्यकारी अधिकारी निर्मला लीली ने कहा कि बहुत छोटी उम्र में शादी हो गई, लेकिन मैंने कभी अपने हौसले को कमजोर नहीं होने दिया। अपनी पढ़ाई जारी रखी और एमबीए किया। इसके बाद ताज ग्रुप होटल के साथ वर्षों तक कार्य किया। इसके बाद मैंने इंफिनिटी हॉस्पिटैलिटी सर्विस के तहत अब कार्य कर रही हूं। उन्होंने कहा कि भाग्य का रोना रोने वाले कभी सफल नहीं हो सकते। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए तीन चीजों का होना बहुत ही आवश्यक है। इच्छा, एकाग्रता व समर्पण। जहां ये तीन चीजें मिलती हैं वहीं से तरक्की का नया रास्ता खुल जाता है। देश-विदेश में महिलाएं तरक्की के नए परचम लहरा रहीं हैं, लेकिन अब भी इसमें बहुत कुछ करना बाकी है। दूसरे सत्र में मीडिया के नए माध्यम पर चर्चा की गई। इस दौरान कहा गया कि नए-नए माध्यम लोगों को अवसर प्रदान करते हैं। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टग्राम सहित कई ऐसे माध्यम हैं, जहां पर लोग अपनी बातें रखते हैं और उसका फायदा भी मिलता है। इंग्लैंड से आईं निक्की मुलिन ने कहा कि मीडिया के क्षेत्र का बहुत विस्तार हुआ है। इसका सभी लाभ उठा रहे हैं। यूएसए से आई निकोल निगेली मात्र 14 वर्ष की उम्र में ही एन3 कार्टून की फाउंडर हैं और कई किताबें भी लिख चुकी हैं। उन्होंने कहा कि यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। निकोल लोगों को जीवन में बेहतरी के लिए प्रेरित करती हैं। उनका मानना है कि अगर किसी के पास आइडिया व रोचक कहानियां हैं तो वे दूसरों को बताकर उनकी ¨जदगी में एक बदलाव ला सकती हैं, जिससे उनकी ¨जदगी तो अच्छी होगी ही, साथ में दूसरे भी इससे प्रेरित होंगे।