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महिला सुरक्षा मामले में राजधानी में नहीं बदले हालात

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : महिलाओं की सुरक्षा के मामले में भले ही लाख दावे किए जाएं ल

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Dec 2017 08:31 PM (IST)Updated: Sun, 17 Dec 2017 08:31 PM (IST)
महिला सुरक्षा मामले में राजधानी में नहीं बदले हालात
महिला सुरक्षा मामले में राजधानी में नहीं बदले हालात

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : महिलाओं की सुरक्षा के मामले में भले ही लाख दावे किए जाएं लेकिन सुरक्षा के नाम पर हो रही खानापूर्ति ही है जिससे अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है और राष्ट्रीय स्तर की पुलिस एजेंसियां भी इसपर मुहर लगा चुकी हैं। राजधानी में निर्भया कांड और महिलाओं से जुड़े कई ऐसे मामले हैं जो हमें झकझोरने के लिए काफी हैं, इसके बावजूद सुरक्षा इंतजाम में कमियों का आए दिन होता रहता है। महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। स्कूल जाती हुई छात्रा हो या दफ्तर जाने वाली महिला, कॉलेज जाने वाली युवती हो या पार्क-बाजार जाने वाली बुजुर्ग महिला। कहीं भी महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती। घर से निकलते ही सार्वजनिक परिवहन में, सड़क पर या फिर दफ्तर और बाजार में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं का भी मानना है कि रात ही नहीं दिन में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। बसों से लेकर रेल के अलावा अब तो मेट्रो भी आए दिन छेड़छाड़ के मामले सामने आते रहते हैं। इससे निपटने की लाख कोशिशों का हवाला देने वाली दिल्ली पुलिस और सरकार के प्रयास भी इसके लिए नाकाफी साबित हो रहे हैं। महिलाओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रशासन की कमियों के साथ लोगों की मानसिकता सुधार और नैतिकता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

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जबतक महिलाओं को घर से लेकर समाज तक उचित और स्वस्थ माहौल को नहीं मिलता तब तक इन अपराधों में कमियों की संभावना कम ही नजर ही आती है। मानसिक विकृति को दूर करने के लिए सख्त नियमों के साथ जागरूकता भी जरूरी है।

आरुषि, सेक्टर 11

परिवहन सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ पुलिस की चौकसी और तकनीकी विकास की जरूरत है। हालांकि सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी कोई विशेष लाभ नहीं मिला है और अपराधी तब भी बचकर आसानी से निकल जाते हैं। यह बहुत बड़ी नाकामी है।

वीनिता, सेक्टर 3

निर्भया कांड जैसे मामलों के बाद पुलिस प्रशासन जागती तो है लेकिन उस दिल दहलाने वाले हादसे के इतने वर्षों बाद भी सुरक्षा में कमियां पहले ही की भांति बनी हुई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपराध कमने के बजाए बढ़ गया है।

रेणु गहलौत, सेक्टर 14

महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है और यह हमारे देश की छवि को भी धूमिल करता है। इसके बावजूद महिलाओं से जुड़े हुए अपराध में किसी प्रकार की कमी नहीं हुई है। राजधानी समेत देश के कई राज्यों में अपराध में तेजी से वृद्धि हो रही है।

डेबी जैन, रोहिणी सेक्टर 3


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