दिल्ली में साकेत कोर्ट परिसर में महिला IAS अफसर से छेड़छाड़, पति से की मारपीट
छेड़खानी की यह घटना बृहस्पतिवार की है। महिला आइएएस अधिकारी की शिकायत पर दिल्ली के साकेत थाने में एक वकील और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के साकेत कोर्ट में महिला IAS अधिकारी के साथ छेड़छाड़ करने और उनके पति से मारपीट करने की घटना सामने आई है। छेड़छाड़ व मारपीट का आरोप वकीलों पर लगा है। वहीं, वकीलों का भी कहना है कि उनके ऊपर हमला हुआ है, जिसमें उनको भी चोटें आई हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सूचना मिलने के बाद दोनों पक्षों की तरफ से एफआइआर दर्ज कर ली गई है। हालांकि किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
साकेत थाना पुलिस को दी गई शिकायत में महिला आइएएस ने बताया है कि वह दिल्ली के बाहर नियुक्त हैं। संपत्ति विवाद के एक मामले में कोर्ट में बुलाया गया था। सुनवाई के लिए वह साकेत कोर्ट आईं थीं। सुनवाई के बाद विपक्षी पार्टी के वकील ने कुछ अन्य वकीलों के साथ मिलकर उनके पति के साथ मारपीट की और उनके साथ अभद्रता की। महिला ने अपने साथ छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया है।
पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें दिखाई दे रहा है कि महिला अपने पति के साथ कोर्ट परिसर में आती हैं। इस दौरान उनका विवाद हो जाता है। वहीं, वकील ने शिकायत में महिला और उसके पति पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों की तरफ से शिकायत मिली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के साकेत कोर्ट में महिला आइएएस अधिकारी के साथ छेड़खानी और बदसलूकी हुई। वह किसी केस के सिलसिले में अपने पति के साथ कोर्ट आई थी। यह भी बताया जा रहा है कि इससे पहले 2014 बैच की यह आइएसएस अफसर एसडीएम महरौली भी रह चुकी हैं और फिलहाल मिजोरम में तैनात हैं। मामले की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के अधिकारी के अनुसार, इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। अब पुलिस आरोपितों की पहचान करने में जुटी है। आरोपित अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
यहां पर बता दें कि वर्ष-2018 में भी एक ऐसा ही मामला हिमाचल प्रदेश में सामने आया था, जहां हिमाचल प्रदेश पुलिस के एक हेड कांस्टेबल को राज्य के ऊना जिले में भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण की एक महिला अधिकारी के साथ कथित तौर पर बदसलूकी करने के मामले में निलंबित कर दिया गया था।
यह था मामला
महिला अधिकारी ने ऊना के पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा को देर रात डेढ़ बजे फोन करके हेड कांस्टेबल की बदसलूकी के बारे में जानकारी दी थी। दिवाकर शर्मा ने कहा था कि बिना समय गंवाये वह खुद वाहन चलाकर 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा था कि आरोपित हेड कॉन्स्टेबल को नशे की हालत में पाया गया और उनके निलंबन का आदेश वहीं जारी कर दिया गया।
दिल्ली में सुरक्षित नहीं महिलाएं, आकड़े दे रहे गवाही
महिला आइएएस के साथ हुई छेड़खानी का घटना दिल्ली पुलिस के महिला सुरक्षा के दांवों पर भी सवाल उठाती है। बता दें कि दिल्ली पुलिस के सुरक्षा के दावों और उपायों के बावजूद राजधानी में महिलाओं की स्थिति में बहुत अंतर नहीं आ पाया है। खासकर दुष्कर्म के मामलों में स्थिति अधिक भयावह है। 2012 की तुलना में आज भी दुष्कर्म के मामले तीन गुना अधिक हैं। वसंत विहार दुष्कर्म मामले के कारण 2012 हर किसी के जेहन में है। 2012 में राजधानी में दुष्कर्म के 706 मामले दर्ज हुए थे। यह आंकड़ा अगले साल दोगुना हो गया, जबकि 2014 में यह तीन गुना हो गया था। इसके बाद के सालों में आंकड़ों में मामूली घटत-बढ़त दर्ज की गई।
2018 में दुष्कर्म के 2043 मामले दर्ज किए गए जो कि 2017 से महज 0.78 फीसद कम हैं। अजनबियों द्वारा दुष्कर्म की घटनाएं तो हर साल हो ही रही है, मित्र/पारिवारिक मित्र और जान-पहचान के लोगों द्वारा अस्मत लूटने के मामले बढ़ रहे हैं। साफ है कि आधी आबादी को अनजबियों से अधिक अपनों से खतरा बढ़ रहा है।
कुछ मामलों में गिरावट भी
सालाना प्रेस वार्ता में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में दुष्कर्म के कुल 2043 में से 1992 (97.5 फीसद) मामलों में मित्र/ पारिवारिक मित्र, पड़ोसी, रिश्तेदार, सहकर्मी और अन्य जानकार शामिल थे। ढाई फीसद यानी 51 मामलों में अनजबियों का हाथ पाया गया, जबकि 2017 में अनजान लोगों के मामले 3.37 फीसद थे। आंकड़ों पर गौर करें तो पड़ोसी, सहकर्मी और रिश्तेदारों द्वारा दुष्कर्म के मामलों में गिरावट दर्ज की गई। वहीं कुल मामलों में 550 ऐसे भी थे, जिनमें पीड़िता लिव-इन में रही थीं या फिर आरोपित ने शादी से इनकार कर दिया था।
95 फीसद मामले सुलझाने का दावा
दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि इस वर्ष दुष्कर्म के 95 फीसद मामले सुलझाए गए, जबकि पिछले साल 91.31 फीसद और 2016 में दुष्कर्म के 86 फीसद मामले सुलझाए गए थे।
2.75 लाख महिलाएं हुईं प्रशिक्षित
महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में दिल्ली पुलिस ने बीते वर्ष कई नए कदम उठाए हैं। इसके तहत 15 पीसीआर (पुलिस कंट्रोल रूम) वैन शुरू किए गए हैं, जिनमें सिर्फ महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इसके लिए 46 महिला पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित भी किया गया है। इनके अलावा सशक्ति अभियान के तहत 2018 में 1419 शिविर लगाकर दो लाख 77 हजार 516 महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। इस तरह से 2002 में शुरू हुए इस अभियान में अब तक नौ लाख 80 हजार 456 से अधिक महिलाएं प्रशिक्षित हुई हैं।
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