मानसून के दौरान धरा को करेंगे हरा-भरा
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जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : मानसून के दौरान बड़े पैमाने पर होने वाले पौधरोपण के लिए इस बार लोगों ने विशेष रणनीति तैयार की है। इस बार आकर्षक दिखने वाले पौधे के बजाय पौधरोपण में औषधीय पौधों को तरजीह देने की बात कही जा रही है। क्षेत्र की अधिकांश आरडब्ल्यूए की ओर से पौधरोपण को लेकर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। उन्हें उम्मीद है कि इस कार्य में सरकारी एजेंसियां भी लोगों का साथ देंगी। अभी तक मानसून के दौरान क्षेत्र के सभी हिस्सों में अलग-अलग सरकारी एजेंसियों की ओर से हजारों की तादाद में पौधे लगाने की परंपरा रही है। लेकिन कोरोना संक्रमण के दौर में अब उतने बड़े पैमाने पर पौधरोपण कर पाना संभव नहीं है। लिहाजा लोगों का कहना है कि इस बार तादाद पर जोर के बजाय गुणवत्ता व देखरेख पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन पौधों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा जो कम देखरेख में भी जीवित रहते हैं और जिनके अनेक फायदे भी हैं। मसलन नीम का ही उदाहरण लें, नीम दीमकरोधी होने के साथ-साथ औषीधीय गुणों से भी भरपूर है। इसी तरह बरगद, पीपल, पिलखन व जामुन के पेड़ के भी औषधीय गुण होते हैं। पार्क का एक हिस्सा हो हर्बल कोना
जनकपुरी निवासी गगन साहनी बताते हैं कि हम पूरे पार्क में न सही, लेकिन पार्क के एक कोने में तो औषधीय पौधे लगाकर उसे हर्बल कोने के रूप में विकसित कर सकते हैं। औषधीय पौधे होने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोग इनकी देखरेख में स्वयं रुचि लेंगे और इस बात को लेकर पूरी कोशिश करेंगे कि ये पौधे जीवित रहें। अन्य पौधों के मामले में लोगों का रवैया टालने वाला होता है। लोग इनकी देखरेख को लेकर सरकारी एजेंसियों के भरोसे रहते हैं।
विकासपुरी निवासी तथा मॉर्निग वाकर्स एसोसिएशन के संस्थापक राघवेंद्र शुक्ल बताते हैं कि हमारे एसोसिएशन के लोगों के दायरे में विकासपुरी के सभी पार्क हैं। इस मानसून में एसोसिएशन की ओर से सप्ताह में किसी एक दिन क्षेत्र के किसी एक पार्क में पौधरोपण किया जाएगा। वहीं शेष बचे छह दिनों में लगाए गए पौधों की देखरेख होगी। पौधे लगाने व उनकी देखरेख का सिलसिला पूरे मानसून तक चलेगा। मानूसन के बाद हमारा ध्यान केवल देखरेख पर होगा।
काउंसिल आफ वेस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष अनिल देवलाल बताते हैं कि मानसून के दौरान पौधरोपण के लिए सरकारी एजेंसियों से सहयोग की आशा है। लेकिन यदि उनका सहयोग नहीं भी मिले तो धरा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए हम लोग पौधे लगाएंगे और समय-समय पर उनकी देखभाल भी करेंगे।