हमने स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्णय लेने का अधिकार दिया : सिसोदिया
दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में सुधारकर इसे विश्व स्तरीय बनाने की दिशा में प्रयासरत दिल्ली की अरविद केजरीवाल सरकार ने अपने शिक्षकों को विश्वस्तरीय स्किल देने के उद्देश्य से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनजमेंट अहमदाबाद के साथ एक करार किया है। जिसके तहत दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रधानाचार्यों को प्रधानाचार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली की शिक्षा प्रणाली को विश्वस्तरीय बनाने के लिए केजरीवाल सरकार ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनजमेंट (आइआइएम) अहमदाबाद के साथ एक करार किया है। इसके तहत दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रधानाचार्यों को नेतृत्व प्रशिक्षण दिया जाएगा। 14 अगस्त तक चलने वाले
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले बैच की सोमवार को शुरुआत हुई। इसमें 50 प्रधानाचार्यों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से नए बैच के पहले सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमने स्कूलों के प्रधानाचार्यो को निर्णय लेने का अधिकार दिया है। उन्हें स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) फंड का प्रभारी बनाया गया ताकि स्थानीय जवाबदेही बने। अब आइआइएम अहमदाबाद से अनुरोध है कि हमारे स्कूलों के प्रधानाचार्यो को और सशक्त बनाने में हमारी मदद करे। इस दौरान आइआइएम अहमदाबाद की निहारिका वोहरा ने स्कूल प्रधानाचार्य की भूमिका पर प्रकाश डाला। यहां बता दें कि आइआइएम अहमदाबाद द्वारा दिल्ली सरकार के 50 स्कूलों के प्रधानाचार्यो को नेतृत्व और सशक्तीकरण प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने आइआइएम से समझौता किया है। प्रधानाचार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य नेतृत्व दक्षता का निर्माण, उन्हें सशक्त बनाने और अपने स्कूल के प्रति जवाबदेही पैदा करना है।
सिसोदिया ने कहा कि अब तक 700 स्कूलों के प्रधानाचार्यो को प्रशिक्षण मिल चुका है। हमने चार साल पहले इसकी शुरुआत की थी, तो हमारे पास इस कार्यक्रम के माध्यम से अपने स्कूलों में बदलाव लाने का एक दृष्टिकोण था। हम प्रधानाचार्यों को अपने स्कूलों के लिए निर्णय लेने और लागू करने के लिए वित्तीय फैसले की शक्ति देकर सशक्त बनाना चाहते थे। इसलिए हमने उन्हें एसएमसी फंड सौंपा ताकि वे सरकारी फाइल मूवमेंट के इंतजार में समय बर्बाद करने बजाय स्कूल स्तर पर हर आवश्यकता को तत्काल पूरी कर सकें। इसके कारण हमारे प्रधानाचार्यों में जवाबदेही की भावना बढ़ी है।
शिक्षामंत्री ने कहा कि स्कूलों के प्रधानाचार्य स्कूलों का पूरा दायित्व लें और शिक्षा क्रांति को संभव बनाएं। हम दिल्ली सरकार के स्कूलों को विकेंद्रीकृत स्वायत्त संस्थाओं के रूप में देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्यों का दायित्व है कि वे स्कूलों के सुचारू संचालन पर ध्यान दें। उनके सुधार की दिशा में काम करें, क्योंकि स्कूल चलाना प्रत्येक प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी है। सिसोदिया ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब स्कूल बंद हैं और नियमित कक्षाएं नहीं हो रही हैं ऐसे में ऑनलाइन लर्निंग का महत्व बढ़ जाता है। इसलिए सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य इसे पूरी तरह से लागू करें।